प. बंगाल: कोरोना की तीसरी लहर में महिलाओं और बच्चों के लिए होंगे 60% बेड, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह

पश्चिम बंगाल में कोविड -19 रविवार को बढ़कर 14,61,257 हो गया। यहां 84 लोगों की कोरोना से मौत हुई। अब मौत का आंकड़ा 16,896 तक पहुंचा गया है। उत्तर 24 परगना जिले में सबसे अधिक 597 नए मामले दर्ज किए गए। इसके बाद कोलकाता में 426 मामले दर्ज किए गए।

Asianet News Hindi | Published : Jun 14, 2021 11:07 AM IST / Updated: Jun 14 2021, 04:39 PM IST

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयारी तेज कर दी है। यहां महिलाओं और बच्चों के लिए 60% कोविड बिस्तर रखने का फैसला किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि कोविड -19 रोगियों का इलाज करने वाले 60 प्रतिशत बिस्तर महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध होंगे।

महिलाओं और बच्चों पर ज्यादा फोकस क्यों?
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई रिपोर्ट्स आई, जिसमें पता चला कि महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। वहीं दूसरी लहर के बाद पश्चिम बंगाल में कोविड रोगियी की संख्या में गिरावट आई है। स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की तैयारी में अपने बुनियादी सुविधाओं को बढ़ा रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य सेवा डायरेक्टर डॉक्टर अजय चक्रवर्ती ने कहा, यूरोपीय देशों के आंकड़ों को देखें तो लगता है कि तीसरी लहर का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ा है। इस तरह, बच्चों की देखभाल करने वाली माताएं भी प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए हम महिलाओं के लिए अधिक बिस्तरों की व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं। 

60:40 अनुपात में होंगे बिस्तर
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 60 और 40 के अनुपात में हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और यह तभी होगा जब हम तीसरी लहर का अनुमान लगाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में कोविड -19 रविवार को बढ़कर 14,61,257 हो गया। यहां 84 लोगों की कोरोना से मौत हुई। अब मौत का आंकड़ा 16,896 तक पहुंचा गया है। उत्तर 24 परगना जिले में सबसे अधिक 597 नए मामले दर्ज किए गए। इसके बाद कोलकाता में 426 मामले दर्ज किए गए।

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