क्या है दावत-ए-इस्लामी, जिससे उदयपुर में जुड़ रहे कन्हैयालाल मर्डर के तार, इस पंजाबी गवर्नर को भी मारे!

उदयपुर हत्याकांड: राजस्थान के उदयपुर जिले में टेलर मास्टर कन्हैयालाल साहू की हत्या के आरोपियों के तार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जोड़े जा रहे हैं। इस संगठन से जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2022 6:58 AM IST / Updated: Jun 29 2022, 03:32 PM IST

नई दिल्ली। उदयपुर हत्याकांड: भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा का समर्थन करने पर राजस्थान के उदयपुर निवासी कन्हैयालाल की गत मंगलवार को दो युवकों ने हत्या कर दी। दोनों युवकों के नाम मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद है। दावा किया रहा है कि ये दोनों पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े थे। अब इस मामले की जांच एनआइए भी कर रही है। 

दरअसल, दावत-ए-इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है और इसका गठन पाकिस्तान में हुआ था। इसके बाद यह संगठन दुनियाभर में 194 देशों में फैल गया। इस संगठन का गठन मौलाना इलियास अत्तारी ने 1981 में कराची में किया था। आइए प्वांइटर्स में जानते हैं इस संगठन से जुड़ी तमाम बातें- 

- दावत-ए-अत्तारी सुन्नी मुस्लिम संगठन है और यह पैगंबर मोहम्मद के संदेशों का प्रचार-प्रसार करता है। चूंकि, इस संगठन के लोगों का मानना है कि कन्हैयालाल ने नुपुर शर्मा का समर्थन कर पैगंबर का अपमाान किया, इसलिए इस क्रूर घटना को अंजाम दिया गया। 

- कन्हैयालाल की निर्मम हत्या करने के बाद इन दोनों आरोपियों ने घटना का वीडियो जारी करते हुए दावा भी किया था कि यह करके उन्होंने इस्लाम और पैगंबर के अपमान का बदला लिया है। दावत-ए-इस्लामी संगठन की पूरी प्रक्रिया का संचालन पाकिस्तान से होता है। 

- इस संगठन का मुखिया इलियास अत्तारी है, इसलिए इससे जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं। कन्हैयालाल की हत्या के आरोपी मोहम्मद रियाज ने भी अपने नाम के साथ अत्तारी लगाया हुआ है। 

- भारत में इस संगठन की शुरुआत 1989 में हुई। तब यहां पाकिस्तान से उलेमाओं का एक प्रतिनिधिमंडल आया हुआ था। इन्हीं में से कुछ दावत-ए-इस्लामी से जुड़े थे और उन्होंने यहां इसका प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी कुछ लोगों को दी। 

- दावा किया जाता है कि सैयद आरिफ अली अत्तारी भारत में इस संगठन का काम देख रहे हैं। देश में इसका मुख्यालय दिल्ली और मुंबई में है। देश में 90 के दशक में हाफिज अनीस अत्तारी ने 17 लोगों के साथ मिलकर यह शुरू किया। 

- हाफिज और उनसे जुड़े लोगों ने सवाल किया कि जब तबलिगी जमात के लोग काफिले में चल सकते हैं, तो हम क्यों नहीं। इसके बाद ये इसी तरह से काम करने लगे और हर साल लोगों को जोड़ने के लिए जलसा भी करते हैं। 

- इस संगठन से जुड़े कुछ लोग हरी पगड़ी पहनते हैं, तो कुछ लोग सफेद पगड़ी। इनकी दो गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं। पहली, मदनी काफिला और दूसरी नायक अमल। संगठन के लोग प्रचार-प्रसार के लिए कुछ खास दिनों में ही यात्रा करते है। 

- हालांकि, दावत-ए-इस्लामी और बरेलवी एक विचारधारा से हैं। दोनों ही संगठन पैगंबर मोहम्मद की जीवन शैली पर चलने का दावा करते हैं। बावजूद इसके दोनों संगठनों में मतभेद है और वे सार्वजनिक रूप से एक दूसरे के कार्यक्रमों का विरोध भी करते रहे हैं। 

- दावत-ए-इस्लामी का मदनी नाम से टीवी चैनल भी है। यह चैनल पाकिस्तान से संचालित होता है। इसके जरिए संगठन के लोग उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी में अपनी विचारधाराओं का प्रचार-प्रसार करते हैं। 

- दावा यह भी किया जाता है कि इस संगठन से जुड़े लोगों ने ही वर्ष 2011 में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के गवर्नर सलमान तासीर की भी हत्या कर दी थी। इसके अलावा भी इस संगठन के लोग कुछ चर्चित आतंकी घटनाओं में शामिल थे।

क्या है उदयपुर मर्डर केस...
आपको बता दें कि मंंगलवार, 28 जून को राजस्थान में उदयपुर जिले के धानमंडी में मौजूद सुप्रीम टेलर्स की दुकान पर 2 बाइक सवार युवक पहुंचे। दोनों ने दुकानदार कन्हैयालाल (40) से कहा कि उन्हें कपड़े सिलवाने हैं। कन्हैयालाल ने उनका नाप लेना शुरू किया। इस दौरान युवकों ने कन्हैयालाल पर हमला कर दिया। कई घातक वार से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हाल ही में उसने नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसके बाद समुदाय विशेष से उसको धमकियां मिलने लगी थीं। उसने 6 दिन दुकान नहीं खोली थी। गोवर्धन विलास इलाके का रहने वाले कन्हैयालाल ने धमकी देने वालों के खिलाफ पुलिस में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने अब दोनों हत्याराें रियाज और गोस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है। 

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