Anant Chaturdashi: घर पर ही करना चाहते हैं गणेश प्रतिमा का विसर्जन तो ये है आसान विधि, जानिए लाइफ मैनेजमेंट

19 सितंबर, रविवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, इसे अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) कहा जाता है। इस तिथि पर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मिट्टी की गणेश प्रतिमा का विसर्जन घर पर भी किया जा सकता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 19, 2021 4:48 AM IST / Updated: Sep 19 2021, 10:24 AM IST

उज्जैन. अनंत चतुर्दशी पर किसी नदी या तालाब में गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से नदी-तालाब में गंदगी बढ़ती है और गणेश जी की प्रतिमा गंदगी में विसर्जित होने से हमें ही दोष लगता है। हम घर पर ही आसान विधि से देव प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं। इसकी विधि इस प्रकार है...

इस विधि से करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन

- अनंत चतुर्दथी (Anant Chaturdashi 2021) की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा में भगवान को जल चढ़ाएं।
- अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। जनेऊ पहनाएं। वस्त्र या लाल धागा अर्पित करें, चावल चढ़ाएं। अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
- गणेशजी के मंत्र बोलते हुए दूर्वा की 21 गांठें भगवान को चढ़ाएं। मोदक या लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें।
- भगवान से पूजा में और गणेश उत्सव के दौरान हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांटें।
- इस तरह पूजा करने के बाद एक बड़े बर्तन में जल भरें। जल में फूल, चावल, कुमकुम डालें और इसके बाद प्रतिमा जल में विसर्जित करें।
- जब प्रतिमा की मिट्टी पानी में घुल जाए तो उस मिट्टी के घर में पवित्र पौधे के गमले में डाल सकते हैं।
- अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2021) पर जरूरतमंद लोगों को धन और भोजन का दान करना चाहिए। दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।

ये है लाइफ मैनेजमेंट
गणेश विसर्जन ये सिखाता है कि मिट्टी से जन्में शरीर को मिट्टी में ही मिलना है। गणेश जी की प्रतिमा मिट्टी से बनती है और पूजा के बाद वो मिट्टी में मिल जाती है। गणेश जी को मूर्त रूप में आने के लिए मिट्टी का सहारा लेना पड़ता है। मिट्टी प्रकृति की देन है, लेकिन जब गणेश जी पानी में विलीन होते हैं तो मिट्टी फिर प्रकृति में ही मिल जाती है। मतलब ये कि जो लिया है उसे लौटाना ही पड़ेगा, खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जाना पड़ेगा।

गणेश उत्सव बारे में ये भी पढ़ें

Ganesh Utsav: दक्षिण भारत के पुडुचेरी में है भगवान श्रीगणेश का ये प्राचीन मंदिर, स्वर्ण जड़ित रथ है इसकी पहचान

Anant Chaturdashi: 19 सितंबर को इस विधि और मंत्रों से करें भगवान अनंत की पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त और महत्व

19 सितंबर से पहले कर लें श्रीगणेश के ये अचूक उपाय, मिलने लगेंगे बुध ग्रह से जुड़े शुभ फल 

Ganesh Utsav: ये हैं भगवान श्रीगणेश के सरल मंत्र, इनके जाप से दूर हो सकती हैं आपकी परेशानियां

Ganesh Utsav: लगातार बढ़ रहा है इस गणेश प्रतिमा का आकार, इनके दर्शन करने से पापों से मिल सकती है मुक्ति

Anant Chaturdashi 19 सितंबर को, गणेश प्रतिमा विसर्जन से पहले इस विधि से करें हवन और पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त

Ganesh Utsav: ये खास मंत्र बोलते हुए श्रीगणेश को चढ़ाएं विभिन्न पेड़ों के पत्ते, मिलेंगे शुभ फल

Ganesh Utsav: गणपति को क्यों चढ़ाते हैं दूर्वा, कैसे टूटा इनका एक दांत? ये हैं श्रीगणेश से जुड़ी 5 मान्यताएं

Ganesh Utsav: परिवार के देवता हैं भगवान श्रीगणेश, उनसे सीखें फैमिली को कैसे रख सकते हैं एकजुट

Life Management के आयकॉन हैं श्रीगणेश, उनसे हम भी सीख सकते हैं सफल जीवन के मंत्र

Share this article
click me!