Astrology: कौन-सा रत्न या उपरत्न किस धातु की अंगूठी में पहनने से देता है शुभ फल?

ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रहों को शांत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। रत्न धारण करना भी उन्हीं में से एक है। किस व्यक्ति को कौन-सा रत्न धारण करना चाहिए, इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ज्योतिषियों द्वारा किया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 3:13 AM IST / Updated: Dec 06 2021, 01:09 PM IST

उज्जैन. रत्न का निर्धारण इस बात पर भी होता है कि उस समय व्यक्ति पर किस ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही है। कई रत्न बहुत महंगे होते हैं तो बाजार में उनके उपरत्न भी आसानी से मिल जाते हैं। हर रत्न को अलग धातु में पहना जाता है ताकि इनसे जल्दी शुभ फल पाया जा सके। आज हमको प्रमुख रत्न, उनके उपरत्न और किस रत्न को कौन-सी धातु में धारण करना चाहिए, ये सभी बातें बता रहे हैं। 

किस ग्रह का कौन-सा रत्न?
- माणिक्य (Ruby) को सूर्य का रत्न और मोती (Pearl) को चंद्रमा से शुभ फल पाने के लिए पहना जाता है। 
- मूंगा (Coral) रत्न मंगल का और पन्ना (Emerald) बुध ग्रह के लिए होता है। इन रत्नों से इन ग्रहों से संबंधित शुभ फल मिलते हैं। 
- पुखराज (Yellow Saphire) बृहस्पति के लिए और हीरा (Daimond) शुक्र के लिए पहना जाना वाला रत्न है। 
- ज्योतिषी शनि के लिए नीलम (Blue Sapphire), राहु के लिए गोमेद (Hassonite) और केतु के लिए लहसुनिया (Cats Eye) पहने की सलाह देते हैं। 

ये हैं रत्नों के उपरत्न 
- माणिक्य का उपरत्न सूर्यकान्त मणि और गार्नेट है। 
- मोती का उपरत्न मूनस्टोन है। 
- मूंगा का उपरत्न लाल तामड़ा और लालओनैक्स है। 
- पन्ना का उपरत्न हरा ओनैक्स, हरी तुरमली और बैरूज होता है। 
- पुखराज का उपरत्न सुनैहला (Topaz) है।
- डायमंड का जर्कन और स्फटिक होता है। 
- नीलम का उपरत्न नीली, कटैला, जमुनिया और लाजवर्त है। 
- गोमेद का उपरत्न गारनेट है। 
- लहसुनिया का उपरत्न मार्का है।

किस रत्न को कौन-सी धातु में पहनना चाहिए? 
- सूर्य का रत्न माणिक्य सोने में धारण किया जाता है। 
- चंद्रमा का रत्न मोती चांदी में पहना जाता है। 
- मंगल का रत्न मूंगा सोने या लाल तांबे में पहनना चाहिए।
- बुध का रत्न पन्ना सोने या कांसा धातु में पहना जाता है। 
- बृहस्पति के रत्न पुखराज को सोने में पहनना शुभ रहता है।
- शुक्र के रत्न हीरे को चांदी में पहना जाता है। 
- शनि का रत्न नीलम पंचधातु में पहनना फायदा पहुंचाता है।
- राहु का रत्न गोमेद और केतु का रत्न लहसुनिया पंचधातु में पहना जाता है।

 

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