कब से कब तक रहेगी सर्वपितृ अमावस्या, पितरों की प्रसन्नता के लिए इस दिन क्या उपाय करें?

इस बार 6 अक्टूबर, बुधवार को पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2021) कहते हैं। इस अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का महत्व काफी अधिक है।

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, अमावस्या तिथि 5 अक्टूबर की शाम 07:04 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 6 अक्टूबर की शाम 04:34 बजे खत्म होगी। 6 अक्टूबर को सूर्योदय के समय और शाम तक अमावस्या तिथि रहने से इसी दिन अमावस्या से जुड़े पुण्य कर्म करना चाहिए। आगे जानिए इस दिन किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए…

1. सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2021) पर पितरों के लिए सात्विक भोजन बनाना चाहिए। सात्विक भोजन यानी संतुलित आहार। इस दिन तामसिक भोजन का त्याग करें। तामसिक भोजन यानी लहसून-प्याज के साथ बने व्यंजन, अधिक तला-भुना मसालेदार खाना, मांसाहार।
2. श्राद्ध कर्म बहुत साधारण तरीके से करना चाहिए। बहुत अधिक धनी होने पर इस कर्म का ज्यादा विस्तार न करें यानी बड़े पैमाने पर न करें।
3. अमावस्या तिथि की सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। घर के मंदिर में पूजा करें। दोपहर में करीब 12 बजे श्राद्ध कर्म करें और ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों दान-दक्षिणा दें।
4. किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें। पितरों के नाम पर जल का दान करें।
5. सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarvapitri Amavasya 2021) पर पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। ऐसा संभव न हो तो नजदीक में जो भी नदी हो, वहां स्नान कर तर्पण करें।
6. अमावस्या की शाम सरसों के तेल के चार दीपक जलाएं। इन्हें घर की चौखट पर रख दें। एक दीपक और एक लोटे में जल लेकर आंख बंद करके अपने पितरों को याद करें और उनसे यह प्रार्थना करें कि पितृ पक्ष खत्म हो गया है, इसलिए आप सभी परिवार के सभी सदस्यों को आशीर्वाद दें और अपने लोक में लौट जाएं। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

श्राद्ध पक्ष के बारे में ये भी पढ़ें 

Latest Videos

पितृ पक्ष में सोम प्रदोष का शुभ योग 4 अक्टूबर को, इस दिन श्राद्ध से प्रसन्न होते हैं पितृ

प्रयाग को कहते हैं मुक्ति का द्वार, यहां पिंडदान करने से पितरों को मिलता है मोक्ष

मृत्यु के बाद पिंडदान करना क्यों जरूरी है? गरुड़ पुराण में लिखा है ये रहस्य

आज इंदिरा एकादशी पर लगाएं पौधे, प्रसन्न होंगे पितृ और बनी रहेगा देवताओं का आशीर्वाद

तर्पण करते समय हथेली के इस खास हिस्से से ही क्यों दिया जाता है पितरों को जल? जानिए और भी परंपराएं

6 अक्टूबर को गजछाया योग में करें पितरों का श्राद्ध, 8 साल बाद पितृ पक्ष में बनेगा ये संयोग

Share this article
click me!

Latest Videos

Astro Tips: धन लाभ के लिए घर में रोज कहां लगाएं 1 दीपक?
भारत की इस हाइपरसोनिक मिसाइल से कापेंगे चीन और पाकिस्तान, जानें क्या है इसमें खास
Ayodhya: रामलला बनेंगे दूल्हा, नेपाल में होगा विवाह
झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah