इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए क्यों बन रहा है ऐसा योग?

हर बार 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा, क्योंकि सूर्यदेव 14 जनवरी की रात 2.8 मिनिट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2019 3:45 AM IST

उज्जैन. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही उत्तरायण प्रारंभ हो जाएगा। सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का पर्व संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी सुबह से शुरू होगा। हालांकि, कई जगहों पर पंचांग भेद होने की वजह से 14 जनवरी को भी ये पर्व मनाया जाएगा, लेकिन मंदिरों और अन्य स्थानों पर संक्रांति उत्सव एवं दान-पुण्य 15 जनवरी की सुबह से ही किया जाएगा।

मकर संक्रांति पर दान और स्नान का विशेष महत्व
मकर संक्रांति पर मुख्य रूप से अन्न दान, तीर्थ स्नान, गंगा स्नान आदि करना चाहिए। मंदिरों सहित गरीब, निर्धन और निराश्रित लोगों को कपड़े, भोजन, कंबल आदि और गायों को हरा चारा दान करके पुण्य कमाएंगे। इस पर्व के दिन से धीरे-धीरे दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती लगेंगी।

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इसलिए बन रहा है ऐसा योग
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं प्रवीण द्विवेदी के अनुसार ज्यादातर हर साल 14 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक मलमास की अवधि रहती है। लेकिन इस बार ज्योतिषीय आंकड़ों के अनुसार मलमास 16 दिसंबर से शुरू हुआ है।
- सूर्य बारह राशियों में भ्रमण करते हुए इस बार 16 दिसंबर को दोपहर 3.28 बजे धनु राशि में प्रवेश कर गया है और 14 जनवरी रात तक यहीं रहेगा। इस दौरान एक माह तक मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।
- सूर्य जब धनु राशि में होता है, तो उस समय को मलमास कहते है। तिल से निर्मित वस्तुओं के दान का खास महत्व, अन्न दान, तीर्थ स्नान, गंगा स्नान करना उत्तम मकर सक्रांति के दिन तिल से निर्मित वस्तुओं के दान का खास महत्व बताया गया है।

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