विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बढ़ी बाबा के दरबार में भक्तों की संख्या, आरती में टूटे कई रिकॉर्ड

काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या ने कई रिकॉर्ड तोड़े। सामने आए आंकड़ों में बताया गया कि आरती के समय दर्शनार्थियों की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। बताया जाता है कि महादेव के दर्शन के साथ भक्तों को आरती का विशेष फल मिलता है।

अनुज तिवारी
वाराणसी:
दुनिया भर के सनातन धर्म को मानने वालों के आस्था का केंद्र काशी में भगवान विश्वेश्वर खुद विराजते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी निगरानी व निर्देशन में मूर्त रूप दिया, जो नित्य नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद देवों के देव महादेव का आंगन दिव्य व भव्य होने के साथ सुविधायुक्त हुआ तो यहाँ शिव भक्तों का रिकॉर्ड आवागमन होने लगा। भगवान विश्वनाथ के धाम में लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालो की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। 

दैनिक होती हैं भोलेनाथ की पांच आरतियां
श्री काशी विश्वनाथ धाम के अर्चक नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि श्री विश्वनाथ भगवान की आरती चारों वेदों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि महादेव के दर्शन के साथ भक्तों को आरती का विशेष फल मिलता है। विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद सावन के महीने में जहां 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई वहीं धाम के लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रधान ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ के दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है। दोपहर में भोग आरती, शाम को सप्तऋषि आरती और उसके बाद बाद श्रृंगार भोग आरती होती है। रात्रि में महादेव के शयन के समय शयन आरती होती है, जिसमें टिकट बिक्री नहीं होती है।

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दोगुनी से अधिक हुई आरती में दर्शनार्थियों की संख्या
 काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि टिकट के माध्यम से सुगम दर्शन के द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक चारों दैनिक आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या 58,096 थी, जबकि लोकार्पण के बाद चारों आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 1,26,510 हो गई। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आरती में शामिल होने वालों भक्तों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।

लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 
मंगला आरती -27175 
भोग आरती -10824 
सप्तऋषि आरती -14655 
श्रृंगार भोग आरती -5442 

लोकार्पण के बाद दिसंबर 2021 से सितंबर 2022 तक आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 
मंगला आरती -74302 
भोग आरती -12475 
सप्तऋषि आरती -26794 
श्रृंगार आरती -12939

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