अलीगढ़: निजी ट्रैक के काम में गई यात्री की जान, GRP-RPF हादसे को लेकर आए आमने-सामने, अधिकारी ने बोली बड़ी बात

यूपी के जिले अलीगढ़ में निजी ट्रैक के काम को लेकर यात्री की जान गई थी। जीआरपी और आरपीएफ इस हादसे को लेकर आमने-सामने आ चुके है। वहीं दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों ने हादसे को लेकर बड़ी बात बोली है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 8, 2022 9:18 AM IST

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ के सोमना-डाबर स्टेशन के बीच दो दिसंबर को ट्रैक पर पड़ा सब्बल तेज गति से उछलकर ट्रेन के अंदर घुस बैठे यात्री के जा धंसा था। यात्री की गर्दन और दिमाग से सब्बल आर-पार हो गया था। इस वजह से मौके पर ही सुल्तानपुर के निवासी हरिकेश दुबे की मौत हो गई थी। इस हादसे में अब जीआरपी और रेलवे आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर जीआरपी हादसे में रेलवे की लापरवाही मान रही है तो वहीं दूसरी ओर रेलवे का कहना है कि हादसे में उनकी कोई गलती नहीं है। इतना ही नहीं लापरवाही करने वाला कर्मचारी भी रेलवे का नहीं हैं। 

रेलवे की पटरियों के बगल में है वंडर सीमेंट की कंपनी
इसके अलावा रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जिस ट्रैक पर काम किया जा रहा था वह निजी जमीन है। वहां पर निजी ट्रैक बन रहा था और उसकी निगरानी को लेकर रेलवे की कोई निगरानी या जिम्मेदारी नहीं होती है। जीआरपी का यह भी मानना है कि सारे काम में रेलवे की चार सदस्यीय कमेटी निगरानी कर रही थी, जिसने लापवाही की है। एनसीआर प्रयागराज के चीफ पीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि रेलवे की पटरियों के बगल में निजी जमीन है, जो वंडर सीमेंट कंपनी का है।

जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने 3 को किया था गिरफ्तार
उनका कहना है कि यहां सीमेंट कंपनी के कर्मचारी अपने गोदाम में आने-जाने के लिए प्राइवेट ट्रैक बना रहे थे। इन कर्मचारियों से रेलवे का कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना यह भी है कि कंपनी के गोदाम में मालगाड़ी से सामान लाने ले जाने के लिए ट्रैक की जरूरत होती है और इसका निर्माण कंपनी खुद ही कराती है। वह आगे कहते है कि इसमें रेलवे का कोई हस्ताक्षेप नहीं होता है। इसका आवाजाही रेलवे से होता है जब जरूर निगरानी समिति इसकी निगरानी करती है। इस हादसे की जांच करते हुए जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीम ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। 

कंपनी के कर्मचारियों के साथ समिति के सदस्यों की है लापरवाही
जीआरपी अपने द्वारा की गई जांच में यह भी मान रही है कि निजी ट्रैक पर चल रहे काम की निगरानी रेलवे की चार सदस्यीय कमेटी कर रही थी। जिन्होंने काम में लापरवाही की। जीआरपी इंस्पेक्टर का कहना है कि वंडर सीमेंट ने अपने काम के दौरान रेलवे को पत्र लिखकर समिति गठित करने की मांग की थी। इसके बाद ही रेलवे ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जो इस काम की निगरानी कर रही थी। उन्होंने आगे बताया कि जब हादसा हुआ तो कंपनी के कर्मचारियों के साथ समिति के सदस्यों ने भी इसमें लापरवाही दिखाई।

जीआरपी ने लापरवाही करने वाले लोगों को भेज दिया है जेल
इस हादसे को लेकर जीआरपी की जांच कर रही है और उन्होंने लापरवाही करने वाले इंजीनियर, ठेकेदार और सब्बल ट्रैक पर छोड़ने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल मामले में अभी जीआरपी की जांच जारी है और गुरुवार को वह पूछताछ को आगे बढ़ाने वाली है। इससे पहले लापरवाही करने वाले ठेकेदार, इंजीनियर और कर्मचारी को जीआरपी जेल भेज चुकी है। इसके साथ ही लगातार मामले की जांच जारी है। इसी कारण वश जीआरपी ने रेलवे की चार सदस्यीय टीम के सभी सदस्यों को बुलाया है। जिसके बाद गुरुवार को उनसे पूछताछ की जाएगी।

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