Inside story:PM की गोद ली विधानसभा का क्या है चुनावी गणित? क्या अपना दल कायम रख पाएगा अपना वर्चस्व

एक मौका अपना दल को मिला जो जल्द ही समाजवाद में तब्दील हो गया। लेकिन साल 2017 में भाजपा और अपना दल के गठबंधन के तहत अपना दल ( अनुप्रिया गुट ) के नील रतन पटेल नीलू ने अपना दल के टिकट पर इस विधानसभा पर विजय हासिल की और सुरेंद्र पटेल को हरा दिया। सुरेंद्र पटेल सपा सरकार में मंत्री थे । 

 

अनुज तिवारी
वाराणसी:
यूपी के वाराणसी में 8 विधानसभा सीटें हैं। सभी विधानसभा सीटों पर अलग-अलग जातीय समीकरण, और मुद्दे हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की आठों विधानसभा सीटों पर बीजेपी एवं उसके सहयोगी दलों ने कब्जा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी वाराणसी जिले के अंदर ही आता है । उन्हीं आठों विधानसभा सीट में से सबसे महत्वपूर्ण सीट है सेवापुरी व‍िधानसभा सीट यह विधानसभा सीट अपने आप में इसलिए खास है क्योंकि इसी विधानसभा सीट के जयापुर गांव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था। इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी अपना दल ( अनुप्रिया गुट ) के नील रतन पटेल मौजूदा विधायक हैं। 

विधानसभा का इतिहास
पूर्व में इस क्षेत्र का नाम वाराणसी जिला दक्षिणी था। इस विधान सभा मे कुल 3 लाख 18 हज़ार से ज्यादा मतदाता हैं। जिला दक्षिण से सेवापुरी विधानसभा तक के 60 साल के चुनावी सफर में क्रांतिकारी समाजवादी राजनारायण ने जो समाजवाद की नींव रखी इस विधानसभा में कि वह 2017 तक कायम रही है। पटेल और भूमिहार जाति का दबदबा इस विधान सभा मे देखा जाता रहा है। खास बात यह कि इन छह दशक में महज दो मौके ऐसे आए जब भगवा ब्रिगेड को परचम लहराने का मौका मिला, 16 चुनावों में समाजवादी, कांग्रेसी और वामपंथ का ही झंडा लहराता रहा। 

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एक मौका अपना दल को मिला जो जल्द ही समाजवाद में तब्दील हो गया। लेकिन साल 2017 में भाजपा और अपना दल के गठबंधन के तहत अपना दल ( अनुप्रिया गुट ) के नील रतन पटेल नीलू ने अपना दल के टिकट पर इस विधानसभा पर विजय हासिल की और सुरेंद्र पटेल को हरा दिया। सुरेंद्र पटेल सपा सरकार में मंत्री थे । 

2017 का ताना बाना
साल 2017 के चुनाव में भी सपा से सुरेंद्र सिंह पटेल मैदान में थे। सुरेंद्र सिंह पटेल के सामने फिर से अपना दल ने नील रतन पटेल 'नीलू' को चुनावी रणभूमि में उतारा। 2017 के चुनाव में अपना दल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा। और भाजपा की लहर में नील रतन पटेल ने बाजी मार ली और सपा प्रत्याशी सुरेंद्र पटेल को करीब 54 हजार वोट के अंतर से हरा दिया। 

विधानसभा का रिपोर्ट कार्ड
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं, ग्रामीण सड़को का खस्ताहाल, सिचाई के सुविधा की कमी, साथ ही बड़े ज़मीन विवाद जैसी समस्या इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी समस्या के तौर पर है। 

कुल मतदाता
सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग तीन लाख के करीब हैं। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 58 हजार 643 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 27 हजार 736 है

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