
बदायूं: उत्तर प्रदेश के जिले बदायूं में एनिमल लवर शख्स ने चूहे के मर्डर का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि मनोज नाम के व्यक्ति ने चूहे को पत्थर से बांधकर उसे पानी में डुबोया तो उसकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता विकेंद्र ने चूहे की डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए बरेली IVRI भेजा था। उसके बाद पुलिस ने मनोज को हिरासत में ले लिया था। मगर अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मर्डर की बात गलत साबित हुई है। पीएम रिपोर्ट के अनुसार चूहे की मौत पानी में डूबने से नहीं बल्कि दम घुटने से हुई है। इसके साथ ही बताया गया है कि चूहे के फेफड़े और लिवर पहले से ही खराब थे। चूहे की हत्या में एफआईआर का यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ था।
शिकायतकर्ता ने चूहे के पोस्टमार्टम का उठाया था पूरा खर्च
दरअसल 25 नवंबर को शहर के गांधी ग्राउंड चौराहे के पास रहने वाले मनोज को चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर नाले में डूबो दिया था। उधर से ही गुजर रहे पशु प्रेमी विकेंद्र ने मनोज की इस हरकत का विरोध किया पर मनोज नहीं माना और चूहे को मार दिया। राहगीर विकेंद्र ने इसका वीडियो बना लिया और उसकी डेडबॉडी को नाले से निकालकर एसी कर से उसे पोस्टमार्टम के लिए पुलिस की मदद से बरेली भिजवाया था। चूहे का पोस्टमार्टम का खर्च भी विकेंद्र ने ही उठाया था। इसके साथ ही उसने चूहे की हत्या का आरोप मनोज पर लगाकर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने करीब आठ घंटे तक उसको हिरासत में रखा था। उसके बाद 27 नवंबर को मनोज के खिलाफ पशु क्रूरता के अंतर्गत एफआईआर दर्ज हुई थी। फिलहाल मनोज जमानत पर बाहर है।
फेफड़े खराब होने के साथ-साथ लिवर में भी था इन्फेक्शन
बरेली IVIR के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. केपी सिंह का कहना है कि 25 नवंबर को चूहे की बॉडी को बरेली लाया गया था। उसको लेकर बताया गया था कि चूहे की पूंछ में रस्सी बांधकर नाले में डुबोकर मारा गया था। उस चूहे का पोस्टमॉर्टम डॉ. पवन कुमार और डॉ. अशोक कुमार ने किया। उन्होंने जांच में पाया कि चूहे के फेफड़े खराब थे। इसके साथ ही उनमें काफी सूजन भी थी। उन्होंने आगे बताया कि उसके फेफड़े के अलावा उनके लिवर में भी इन्फेक्शन था। आगे कहते है कि फेफड़ों में नाली के पानी जैसे अवशेष नहीं मिले। इसके बाद दोनों डॉक्टरों ने चूहे की माइक्रोस्कोपिक जांच की। उसके आधार पर डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि चूहे की मौत दम घुटने से हुई है। उसकी फेफड़े की नलियां फटी हुई थीं। जो उसके मरने से पहले जोर-जोर से सांस लेने के कारण फटी होंगी।
चूहों से हर कोई है परेशान, मिट्टी के बर्तन बनाने का करता है काम
बता दें कि मनोज का परिवार मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता हैं। उसका एक चबूतरे और कमरे के बाद खत्म हो जाता है। फिर पीछे थोड़ी जगह है, जहां पर खपरैल पड़ा हुआ है। घर ईंट का बना हुआ है लेकिन अंदर फर्श कच्ची है। परिवार में मनोज के मां-बाप, पत्नी और तीन लड़कियां हैं। इसी घर में पूरा परिवार गुजर बसर करता है। बच्चियों को छोड़कर पूरा परिवार मिट्टी के बर्तन बनाता है। मनोज का कहना है कि रात भर जागते हैं ताकि अपने बर्तनों की सुरक्षा कर सकें। उसके बाद जब वह सूख जाते है तो उनको आग में पकात हैं। उसका कहना है कि अगर थोड़ी देर अगर गलती से आंख लग जाए तो चूहों का आतंक शुरू हो जाता है। फिर गीले बर्तन बर्बाद कर देते हैं, जिससे काफी नुकसान होता है। चूहों से यहां पर रहने वाले सभी लोग परेशान है।
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