
हाथरस (Uttar Pradesh) । प्रेग्नेंट बंदरिया की डिलीवरी के दौरान हालत खराब हो गई। उसका बच्चा गर्भ में ही मर गया। काफी प्रयास के बाद बच्चे का आधा हिस्सा बाहर और आधा अंदर था, जिसके कारण विकलांग बंदरिया मुसीबत में फंसी हुई थी। कई दिनों से एक बंदरिया जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। इसकी सूचना किसी ने एक समाजसेवी दंपति शिवशंकर गुलाटी और राधा गुलाटी को दी। जिन्होंने साहस दिखाते हुए उसका ठीक से प्रसव कराया और उसकी जान बचाई।
ऐसे कराया प्रसव
राधा गुलाटी पेशे से नर्स हैं। वे बंदरिया की मदद के लिए अपने पति के साथ वहां पहुंची। इंजेक्शन लगाकर विकलांग मादा बंदरिया का अच्छी तरह से प्रसव करवाया। उसके मरे हुए बच्चे को उसके शरीर से अलग किया। इसके बाद बंदरिया की जान में जान आई।
बंदरिया ने दंपति को किया घायल
गुलाटी दंपति जब बंदरिया के मरे हुए बच्चे को शरीर से अलग रखकर किनारे रखने लगे तब अचानक बंदरिया को होश आ गया। बंदरिया ने होश आते ही गुलाटी दंपति पर ही हमला कर दिया, जिससे दोनों घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को बचाया और उनका इलाज भी कराया।
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