धरती का भगवान कहलाने वाले डॉक्टर की हैवानियत, पैसे न होने पर गर्भवती को अस्पताल से भगाया; नवजात की मौत

एक गर्भवती के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसा नही था तो उसे अस्पताल के बाहर निकाल दिया गया । यही नही उसे सड़क पर यूं ही तड़पता हुआ छोड़ दिया गया। जानकारी पर  पहुंची पुलिस ने महिला को अपनी गाड़ी से जिला अस्पताल पहुंचाया। 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2020 11:51 AM IST

प्रतापगढ़( Uttar Pradesh). धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों पर लोगों का अटूट भरोसा होता है। लेकिन जब उसी भगवान की हैवानियत से किसी की गोद सूनी हो जाए तो क्या कहा जाए। रविवार यूपी के प्रतापगढ़ में एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहां एक गर्भवती के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसा नही था तो उसे अस्पताल के बाहर निकाल दिया गया । यही नही उसे सड़क पर यूं ही तड़पता हुआ छोड़ दिया गया। जानकारी पर  पहुंची पुलिस ने महिला को अपनी गाड़ी से जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी नवजात को नही बचाया जा सका। वहीं मां की भी हालत गंभीर बनी हुई है। ममाले में पति की तहरीर पर अस्पताल के संचालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

मामला प्रतापगढ़ के बलीपुर इलाके में स्थित चारू नर्सिंग होम का है , शनिवार रात यहां मान्धाता क्षेत्र के मदईपुर गांव की रहने वाली गर्भवती महिला को उसका पति लेकर आया । उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी । जिला अस्पताल में डॉक्टर न होने पर व अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर शहर के चारू नर्सिंग होम में ले गया। जहां नर्सिंग होम के संचालक डॉ अतुल कुमार ऑपरेशन करने की बात कही। पति की हामी के बाद वह गर्भवती को लेकर ऑपरेशन थिएटर में चले गए। जब अस्पताल स्टाफ ने पति से पैसे मांगे तो उसके पास मौजूद 1 हजार रूपए उसने जमा कर दिया। लेकिन जब और पैसे की मांग की गई तो उसने घर ला कर पैसे देने की बात कही। करीब आधे घंटे बाद भी जब पैसे के व्यवस्था नही हुई तो डॉक्टर ने गर्भवती महिला को ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकालकर नर्सिंग होम के बाहर सडक पर छोड़ दिया।

सीओ की निगाह पड़ी तो पहुंचाया अस्पताल 
करीब आधे घंटे तक प्रसव पीड़िता रात में सड़क पर दर्द से चीखती-चिल्लाती रही। इसी बीच उधर से गुजर रहे सीओ सिटी अभय पाण्डेय की नजर गर्भवती पर पड़ी। उन्होंने गाड़ी रुकवाई और नीचे उतर कर गर्भवती के पास आए। जब उन्होंने उसकी स्थिति देखी तो तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। सूचना के बाद सीएमओ खुद मौके पर पहुंचे। इसी बीच एक निजी अस्पताल के संचालक ने पीड़िता की मदद को हाथ बढ़ाया। उसे अपने अस्पताल ले गए। लेकिन इलाज में देरी होने के कारण बच्चे की मौत हो गई, जबकि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। 

पति की तहरीर पर मुकदमा दर्ज 
इस मामले में पति उमेश की तहरीर पर पुलिस ने चारू नर्सिंगहोम के संचालक डॉ. अतुल श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नगर कोतवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही आगे की कार्रवाई भी होगी।

डीएम ने बैठाई नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ जांच
जिलाधिकारी डॉ. रुपेश कुमार ने गर्भवती महिला को आपरेशन थिएटर से बाहर निकालने के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले में जांच बैठा दी है। डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरविंद श्रीवास्तव को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट दें, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
 

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