यूपी चुनाव से पहले कई पार्टियों के नेता इधर-ऊधर जाते दिख रहे हैं। राज्य में कांग्रेस को एक बार फिर तगड़ा झटका मिला है। बसपा प्रमुख मायावती ने जानकारी दी है कि उनके साथ दो नेता जुड़े हैं। बुधवार को मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व गृहमंत्री रहे सईदुज़्ज़माँ के बेटे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) से पहले दलबदल की राजनीति चालू है। इस बार बसपा (BSP) की टीम में नए नेता शामिल हुए हैं। उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री रहे सईदुज़्ज़मां के बेटे सलमान सईद (Salman syed) ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ दिया और हाथी की सवारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही, सहारनपुर जिले के पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद के सगे भाई नोमान मसूद भी लोकदल छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं।
मायावती ने अपने ट्वीट में दी जानकारी
मायावती ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा, ''मुजफ्फरनगर जिले के यूपी के पूर्व गृहमंत्री रहे श्री सईदुज़्ज़माँ के बेटे श्री सलमान सईद ने कल दिनांक 12 जनवरी को बीएसपी प्रमुख से देर रात मुलाकात की। वो कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। श्री सईद को बीएसपी ने चरथावल विधानसभा की सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।' एक दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा, 'इनके साथ ही, सहारनपुर जिले के पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रशीद मसूद के भतीजे व श्री इमरान मसूद के सगे भाई श्री नोमान मसूद भी कल लोकदल छोडकर, बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बीएसपी प्रमुख ने इनको गंगोह विधानसभा की सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार भी बनाया है।
यूपी में कांग्रेस कमजोर- इमरान मसूद
बता दें, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद अन्य नेता पार्टी से नाता तोड़ते दिख रहे हैं। इस तरह कांग्रेस को झटके पर झटके लगते जा रहे हैं। इमरान मसूद समाजवादी पार्टी के साथ जा मिले हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद कहा था कि यूपी में कांग्रेस बहुत कमजोर है। यहां पर सिर्फ सपा और भाजपा के बीच लड़ाई है।
क्या विधानसभा चुनाव लड़ेंगी मायावती
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी ने बुधवार को घोषणा की थी कि पार्टी प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा था कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव की अगुवाई मायावती करेंगी। उन्होंने कहा था कि बसपा जमीन पर रहकर काम कर रही है। वो चुनाव की तैयारियों में लगे हुए। मायावती हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं, लेकिन वो खुद चुनाव नहीं लड़ेगी।