BHU ने विद्यार्थियों के लिए शुरू की एनी बेसेंट फेलोशिप, जानिए चयनित होने पर मिलेगा क्या लाभ

काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से एनी बेसेंट फेलोशिक की शुरुआत की गई है। इसके चलते स्नातकोत्तर के बाद सीधे पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। फेलोशिप में चयनित होने पर कई लाभ मिलेंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 1, 2022 2:08 PM IST / Updated: Aug 02 2022, 11:46 AM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अपने विद्यार्थियों के लिए एनी बेसेंट फेलोशिप आरंभ की है, जिसका उद्देश्य ऐसे विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर के बाद सीधे पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इन्स्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस, बीएचयू, के तहत आरंभ इस फेलोशिप के तहत चयनित विद्यार्थियों को बिना कोई समय गंवाए स्नातकोत्तर के बाद सीधे पीएचडी में प्रवेश मिल सकेगा। इसके साथ साथ वे अन्य पीएचडी शोधार्थियों के मुकाबले अपना शोध भी जल्दी पूरा कर पाएंगे। स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के छात्र/छात्रा इस अध्येतावृत्ति में आवेदन करने के पात्र हैं। 

आवेदकों के लिए यह है जरूरी
आवेदकों को न्यूनतम 8.5 सीपीजीए स्कोर के साथ शीर्ष 5 (पांच) पर्सेंटाइल में होना चाहिए। चूंकि इस अध्येतावृत्ति के लिए चयन अंतिम परीक्षा के आयोजन से पहले किया जाएगा, इसलिये चयनित विद्यार्थियों को अंतिम परीक्षाओं में उपरोक्त न्यूनतम रैंक और सीजीपीए प्राप्त करना होगा। इस अध्येतावृत्ति के अंतर्गत पीएचडी पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने वाले छात्र/छात्राओं से यह अपेक्षा होगी कि वे पीएचडी पाठ्यक्रम में पंजीकरण की तिथि से चार (4) वर्षों के भीतर अपना शोध कार्य पूर्ण कर लें। चयनित अभ्यर्थियों को उनके पीएचडी पाठ्यक्रम के दौरान सीएसआईआर/यूजीसी के समान आकस्मिक व्यय (कंटिजेंसी) सहित जेआरएफ प्रदान किया जाएगा।
• यदि विद्यार्थी द्वारा एक वर्ष के भीतर JRF/NET (UGC, CSIR, INSPIRE, आदि) उत्तीर्ण कर लिया जाता है, तो विश्वविद्यालय नकद प्रोत्साहन स्वरूप ₹ 5000/- प्रति माह प्रदान किया जाएगा। 
• यदि विद्यार्थी ने JRF/NET (UGC, CSIR, INSPIRE, आदि) उत्तीर्ण नहीं किया है, तो विश्वविद्यालय पहले वर्ष में JRF के लिए मौजूदा दर पर अध्येतावृत्ति प्रदान करेगा। हालांकि, विद्यार्थी से यह अपेक्षा होगी कि एक वर्ष के भीतर जेआरएफ उत्तीर्ण कर लिया जाए।
• यदि छात्र/छात्रा जेआरएफ/नेट (यूजीसी, सीएसआईआर, इंस्पायर, आदि) उत्तीर्ण नहीं करता/करती है, तो विश्वविद्यालय दूसरे वर्ष से अध्येतावृत्ति जेआरएफ दर के 50% तक कम कर देगा। यदि विद्यार्थी को किसी भी स्तर पर पीएमआरएफ प्राप्त होती है, तो विश्वविद्यालय टॉप-अप अध्येतावृत्ति प्रदान नहीं करेगा। 

चार सदस्यीय समिति का भी हुआ गठन

इस योजना के सुगम क्रियान्वयन के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। प्रो. राकेश रमन, अर्थशास्त्र विभाग, समिति के संयोजक हैं। प्रो. राकेश पाण्डेय, मनोविज्ञान विभाग, प्रो. संगीता पंडित, गायन विभाग, तथा प्रो. अजय कुमार, भौतिकी विभाग, समिति के सदस्य बनाए गए हैं। फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है तथा आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 5 अगस्त है। विश्वविद्यालय की सितंबर के मध्य तक एनी बेसेंट फेलोशिप के चयनित विद्यार्थियों की घोषणा करने की योजना है।

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