पोस्टर में कुलपति की फोटो के एक हाथ में अंग्रेजी माध्यम से छात्र को पकड़े तो दूसरे हाथ में अंग्रेजी केवल दर्शाया गया है, जबकि पैरों के नीचे हिंदी भाषी अभ्यर्थी को दिखाया है। छात्रों ने नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज से कराए जाने की मांग की है।
वाराणसी (Uttar Pradesh) । बीएचयू में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के बाद अब नया विवाद खड़ा हो गया है। छात्रों ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर के प्रमुख चौराहों पर कुलपति राकेश भटनागर को हिंदी विरोधी करार देते हुए पोस्टर लगाए हैं। जिसके माध्यम से आठ सवाल भी पूछे हैं।
इस तरह तैयार किया है पोस्टर
पोस्टर में कुलपति की फोटो के एक हाथ में अंग्रेजी माध्यम से छात्र को पकड़े तो दूसरे हाथ में अंग्रेजी केवल दर्शाया गया है, जबकि पैरों के नीचे हिंदी भाषी अभ्यर्थी को दिखाया है। छात्रों ने नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज से कराए जाने की मांग की है।
पोस्टर में लिखा है यह आठ सवाल
-बीएचयू कुलपति राकेश भटनागर जी
-काशी हिंदू विवि में हिंदी के साथ सौतेला व्यवहार क्यों
-सहा. प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में अभ्यर्थियों का हिंदी भाषी होने के नाते अपमान क्यों
-संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन और मौलिक अधिकारी का हनन क्यों
-महामना की गरिमा और बीएचयू की अस्मिता से दुर्व्यवहार क्यों
-नियुक्ति प्रक्रियां में एक विशेष विवि (जेएनयू) पर इतनी कृपा क्यों
-नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार क्यों
-क्या बीएचयू से पढ़ने वाले अभ्यर्थीगण अयोग्या हैं
नकरात्मक सोच वालों ने ऐसा किया
बीएचयू के पीआरओ राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति के विरोध में पोस्टर चस्पा करने वाले नकारात्मक सोच के लोग हैं। इंटरव्यू पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है। किसी की कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अब जिला प्रशासन का काम है कि वे ऐसे लोगों से निपटें, जिन्होंने पोस्टर लगवाए हैं।