कानपुर हिंसा में पीएफआई कनेक्शन को लेकर बड़ा खुलासा, दस्तावेज और मोबाइल से खुला राज 

कानपुर हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों से पता लगा है कि हयात जफर हाशमी के पास से संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। जिन चार संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं उनका पीएफआई कनेक्शन भी सामने आ रहा है। 

कानपुर: जनपद में विरोध प्रदर्शन के नाम पर बड़ा खुलासा हुआ है। यहां पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से संबंधित चार संस्थाओं को तमाम दस्तावेज हयात जफर हाशमी के पास से बरामद हुए हैं। यह वो संस्थाएं हैं जिनको पीएफआई फंडिंग करता रहा है। इसमें से कई को लेकर तो जांच एजेंसी भी खुलासा कर चुकी हैं। लिहाजा इस बात की भी आशंका बढ़ रही है कि साजिशकर्ता पीएफआई और उससे जुड़ी संस्थाओं के लोगों को सीधे संपर्क में था। 

चार संस्थाओं के संदिग्ध दस्तावेज हुए बरामद 
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हयात जफर हाशमी के पास से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। जिन चार संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं उशमें एआईआईसी, आरआईएफ, एसडीपीआई, सीएफआई शामिल हैं। यह सभी दस्तावेज फंडिंग से संबंधित हैं। यह जानकारी है कि किस तरह से फंडिग होती थी और उसको किस तरह से बांटना है। पीएफआई का नाम सीएए के दौरान भी सामने आया था। उस दौरान भी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी। आपको बता दें कि यह संगठन मणिपुर, त्रिपुरा, बंगाल में सक्रिय है। कई जांच एजेंसियों की तफ्तीश में यह सामने आ चुका है कि पीएफआई इन चारों संस्थाओं को फंडिंग करती है। 

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साजिशकर्ता के मोबाइल से मिला अहम डाटा
पुलिस सूत्रों से पता लगा है कि हयात जफर हाशमी समेत अन्य साजिशकर्ताओं के मोबाइल से महत्वपूर्ण डाटा मिला है। एमएसए जौहर फैंस एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप पर बवाल के साक्ष्य हैं। ग्रुप में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। सूत्रों के अनुसार एक तरफ जफर हाशमी तीन जून की बाजार बंदी को रद्द करने का दावा कर रहा था लेकिन दूसरी ओर एसोसिएशन की व्हाट्सऐप ग्रुप में पूरी साजिश की जा रही थी कि किस तरह से बंदी करनी है। यानी कि बंदी को रद्द करने का ऐलान पूरे तौर से हुआ ही नहीं। 

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