बिजनौर: तहसीलदार का ड्राइवर लेता था ऑनलाइन रिश्वत, डीएम ने शिकायत के बाद किया निलंबित

यूपी के बिजनौर में तहसीलदार के ड्राइवर को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि ड्राइवर ऑनलाइन माध्यम से रिश्वत लेता था। ड्राइवर के इस कारनामे की जानकारी मिलने के बाद मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 10, 2022 7:54 AM IST

बिजनौर: धामपुर तहसील में तैनात एक तहसीलदार के ड्राइवर द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत दर्ज करवाई गई है। तहसीलदार के ड्राइवर द्वारा ऑनलाइन रिश्वत लिए जाने की शिकायत दर्ज करवाई गई है। मामले को लेकर धामपुर थाने में ड्राइवर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले में तहसीलदार की रिपोर्ट पर डीएम ने चालक नदीम को निलंबित कर दिया है। ड्राइवर पर आरोप है कि वह बीते कई माह से अवैध खनन माफियाओं से सांठगांठ कर रहा था। वह ट्राली निकालने के नाम पर पत्नी के खाते में ऑनलाइन रिश्वत मांगकर लाखों डकार गया था। मामले में ड्राइवर की करतूत सामने आने के बाद डीएम ने उसे निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच में फंसे तहसीलदार के ड्राइवर तथा उसकी पत्नी के बैंक खातों की भी जांच हुई। जांच में बीते दो वर्षों में तकरीबन 21 लाख की रकम के लेनदेन का मामला प्रकाश आया है।

कई वर्षों से तहसीलदार की गाड़ी पर तैनात है ड्राइवर
यह पूरा मामला बिजनौर की धामपुर तहसील से सामने आया है। जहां पर ड्राइवर का यह कारनामा प्रकाश में आया है। वह बीते 3 साल से तहसील में तहसीलदार की गाड़ी पर तैनात है। तहसीलदार कमलेश कुमार की सरकारी गाड़ी पर तैनात ड्राइवर नदीम अक्सर खनन से भरे ओवरलोड ट्रकों को पास कराने के नाम पर रिश्वत लेता था। इसको लेकर कई बार शिकायत भी मिल चुकी थी। इन्हीं शिकायतों को लेकर धामपुर तहसीलदार कमलेश कुमार ने अवैध ओवरलोड खनन से भरे 7 डंफरों को सीज कर दिया। इसके बाद डंफर मालिकों और चालकों ने तहसीलदार को भेजी गई ऑनलाइन रिश्वत की जानकारी दी। उन्होंने ड्राइवर को ऑनलाइन गूगल पे, पेटीएम के माध्यम से भेजी गई रिश्वत के स्क्रीनशॉट भी दिए। 

धामपुर थाने में दर्ज हुई शिकायत
मामले को लेकर तहसीलदार ने जांच करवाई तो ड्राइवर और उसकी पत्नी के खाते से 21 लाख रुपए की नगदी का मामला सामने आया। मामले में एसडीएम ने डीएम बिजनौर को शिकायत भेजी। इसके बाद ड्राइवर को निलंबित कर दिया गया है। इसी के साथ धामपुर थाने में चालक नदीम के खिलाफ तहसीलदार की तहरीर पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है। मामले के सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। 

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