UP Chunav Result 2022: इलेक्शन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार बीजेपी को शाम चार बजे तक की काउंटिंग में करीब 42 फीसदी वोट शेयर मिला है। जबकि 250 से ज्यादा सीटों पर आगे हैं। खास बात तो ये है कि सन 1977 के चुनावों के बाद किसी पार्टी को 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिला है।
UP Chunav Result 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों का रुझान सामने हैं। बीजेपी को भले ही 2017 जैसी जीत हासिल ना हुई हो, लेकिन वोट परसेंटेज में जरूर इजाफा देखने को मिला है। इलेक्शन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार बीजेपी को शाम चार बजे तक की काउंटिंग में करीब 42 फीसदी वोट शेयर मिला है। जबकि 250 से ज्यादा सीटों पर आगे हैं। खास बात तो ये है कि सन 1977 के चुनावों के बाद किसी पार्टी को 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिला है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के वोट शेयर में बड़ा उछाल मिला है। वहीं कांग्रेस 2017 के मुकाबले और ज्यादा नीचे चली गई है। पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस को ढाई फीसदी भी वोट शेयर नहीं मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस बार पिछली बार के मुकाबले में यूपी में किस पार्टी को कितना वोट शेयर हासिल हुआ है।
45 साल के बाद किसी पार्टी को मिले 40 फीसदी से ज्यादा वोट
यूपी चुनावों के नतीजे सामने आ रहे हैं। बीजेपी भले ही 300 प्लस सीटें ना जीत रही हो, लेकिन उसके वोटिंग परसेेंटेज में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। बीजेपी ने 2017 से ज्यादा मेेंडेट हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है। 1977 के बाद किसी पार्टी को यूपी के लोगों का 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। आंकड़ों के अनुसार बीजेपी को 2022 चुनाव में 42 फीसदी का वोट शेयर मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पहले 1977 में जनता पार्टी को 47 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर मिले थे। उसके बाद से सपा, बसपा, कांग्रेस और खुद बीजेपी 39 फीसदी वोट शेयर तक तो पहुंची, लेकिन 40 फीसदी के आंकड़ें को नहीं छू सकी। बीजेपी को 2017 में 39.67 फीसदी वोट शेयर मिला था।
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सपा के आंकड़ों में सुधार
वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनावों में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सपा के वोट शेयर में 2017 के मुकाबले काफी सुधार देखने को मिला है। मौजूदा चुनाव नतीजों में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा को 32 फीसदी वोट शेयर मिला है, जोकि पिछली बार के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा है। 2017 में सपा को 21.82 फीसदी यानी बसपा से भी कम वोट शेयर मिला था। इस सपा 115 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। जबकि पिछली बार सिर्फ 47 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी।
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कांग्रेस और बसपा को मोटा नुकसान
वहीं दूसरी ओर बसपा और कांग्रेस को पिछली बार के मुकाबले और भी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। आंकड़ों की मानें तो कांग्रेस 2 द्यसीटों पर लीड कर रही है, लेकिन उसका वोट फीसदी 2.40 फीसदी रह गया है। जबकि 2017 में कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। 6.25 फीसदी था। दूसरी ओर बसपा का भी काफी बुरा हाल देखने को मिल रहा है। इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के अनुसार बसपा एक सीट पर आगे चल रही है। लेकिन वोट शेयर करीब करीब 13 फीसदी के आसपास है। जबकि पिछली बार 2017 में बसपा ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी और वोट 22.23 फीसदी वोट पड़ा था।
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आरएलडी के वोट शेयर में इजाफा
चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उनके पोते जयंत यादव ने इस बार सपा के साथ गठबंधन किया था। जिसका उसे फायदा भी मिला है। 2017 के मुकाबले आरएलडी के वोट शेयर में करीब दोगुना की वृद्घि हुई है। आंकड़ों के अनुसार इस बार अभी तक आरएलडी 7 सीटों पर आगे चल रही है और उसका वोट फीसदी 3 फीसदी से ज्यादा हो गया है। जबकि 2017 में आरएलडी को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी और उसका वोट फीसदी 2 फीसदी से कम था।