
प्रयागराज (Uttar Pradesh) । नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुई हिंसा के दौरान तोड़फोड़ करने वालों का सार्वजानिक स्थलों पर पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि एक दिन पहले इस मामले की हुई थी। कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सरकार की तरफ से दिया गया था यह तर्क
खबर है कि हाईकोर्ट का मानना है कि पब्लिक प्लेस पर सम्बंधित व्यक्ति की अनुमति बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है। यह राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। वहीं, सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को हतोत्साहित करने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
डीएम और पुलिस कमिश्नर को किया था तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मसले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई का फैसला किया था। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस राकेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और डीएम अभिषेक प्रकाश को एक दिन पहले तलब किया था।
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