गंगा यात्रा में बोले सीएम, बंद कर दिया है हमने खैरात बांटना, विभाजनकारी शक्तियों को शासन का साथ नहीं

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में सीएए हिंसा के प्रयास में कांग्रेस, सपा, वामपंथ से जुड़े लोग शामिल थे। वे दंगाई और उपद्रवी थे। उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की थी, अवैध असलहों से हुई फायरिंग में ज्यादातर मौतें हुई हैं, इन उपद्रवियों ने पुलिस और पब्लिक को निशाना बनाया था।

Ankur Shukla | Published : Jan 28, 2020 2:38 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh)। पांच दिवसीय गंगा यात्रा बिजनौर और बलिया से शुरू हो चुकी है। पहले दिन बिजनौर में गंगा यात्रा की शुरूआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। 27 से 31 जनवरी तक चलने वाली इस गंगा यात्रा के दौरान सीएम ने मीडिया से भी बातचीत की। इस दौरान जब योगी से पूछा गया कि बॉलीवुड में बहुत से लोग आप से नाराज हैं, तो सीएम ने कहा कि हमने खैरात बांटना बंद कर दिया है। चाहे वो अनुराग कश्यप हों या कोई भी हो। योगी ने कहा कि जो प्रेरणादायी काम कर सकें, उनके लिए हम काम करेंगे। विभाजनकारी शक्तियों को शासन का साथ नहीं मिलेगा।

गंगा के प्रति मोदी ने दिखाई सबसे ज्यादा ईमानदारी
सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। कहा कि मां गंगा के प्रति दायित्वों को लेकर नमामि गंगे शुरू हुआ है। आजादी के बाद मां गंगा के प्रति सबसे ज्यादा ईमानदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई है। योगी ने कहा कि गंगा यात्रा का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना है।

सीएए हिंसा में शामिल थे इन दलों से जुड़े लोग
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में सीएए हिंसा के प्रयास में कांग्रेस, सपा, वामपंथ से जुड़े लोग शामिल थे। वे दंगाई और उपद्रवी थे। उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की थी, अवैध असलहों से हुई फायरिंग में ज्यादातर मौतें हुई हैं, इन उपद्रवियों ने पुलिस और पब्लिक को निशाना बनाया था।

नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली
सीएए से जुड़े सवालों पर सीएम योगी ने कहा कि चंद लोग लूट-पाट करें, तोड़-फोड़ करें, इसकी इजाजत हम नहीं दे सकते, जो भी पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाएगा, उससे वसूली की जाएगी। सरकारी संपत्तियों की रक्षा करना मेरा दायित्व है। फिर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर हम क्यों मौन रहें। 

75 प्रतिशत शरणार्थी के रूप में आए दलित
योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि नेहरू-लियाकत ने अल्पसंख्यकों की रक्षा का समझौता किया था, लेकिन पाकिस्तान के हिंदू कहां गए, क्या उनका कोई मानवाधिकार नहीं है। अब सीएए का विरोध करने वाले लोग बेनकाब हो गए हैं, जो हिंदू शरणार्थी आए, उनमें 75 प्रतिशत दलित हैं। क्या उनको नागरिकता ना दें?
 

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