उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 संतों, पुरोहितों, पुजारियों के हित में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस कड़ी में पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का आदेश दे दिया गया है। लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 ने बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के हित में बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी किए गए लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादे के अनुरुप ही सीएम योगी ने प्रदेश में पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का आदेश दिया है। इसी प्रकार ईको एंड रुरल टूरिज्म और सभी 75 जिलों में पर्यटन और संस्कृति परिषद का गठन किया गया है।
विभागों की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण देख दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से निर्देश दिया गया है कि आगामी 100 दिनों के भीतर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को लेकर ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास भी किया जाना है। इसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रुट मैप की जानकारी मौजूद रहेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रिपरिषद के समक्ष धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति व भाषा विभागों की कार्ययोजना की प्रस्तुतिकरण को देखा और दिशा-निर्देश दिए। उनके द्वारा कहा गया कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 21वीं सदी के भारत का सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है।
मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित और लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित करना है हमारा प्रयास है। जन आकांक्षाओं के अनुरुप अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, ब्रज रंगोत्सव, विंध्य धाम कॉरिडोर, नैमिष तीर्थ, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित होना आदि प्रयास अद्भुत हैं।
उत्तर प्रदेश में चिन्हित 12 परिपथ के विकास के कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण कराया जाएगा। इस कड़ी में बुद्धिष्ट परिपथ, आध्यत्मिक परिपथ, रामायण परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई पहचान देंगे।