
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस की 19वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिगंबर अखाड़ा पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा परमहंस दास मंदिर आंदोलन के अमिट हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते रहेंगे। इससे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि में दर्शन पूजन किया और मंदिर निर्माण के प्रगति को जाना। दिगंबर अखाड़ा में पुष्पांजलि सभा होने के बाद उन्होंने संतो के साथ बैठक कर अयोध्या के विकास में चर्चा की। इस दौरान अयोध्या के प्रमुख संत- महंतों की उपस्थिति रही। हालांकि इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने मीडिया के किसी भी सवालों का जवाब नहीं दिया।
स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस के जीवन की हर घटना रही चौंकाने वाली
स्वर्गीय परमहंस दास के परम शिष्य में शुमार राजेश त्रिपाठी उनके जीवन की घटनाओं को ताजा करते हुए कहते हैं कि उनके जीवन की हर घटना चौंकाने वाली रही। उन्होंने बताया रामलला के प्राकट्य से लेकर 8 मार्च 1986 के महाशिवरात्रि तक राम जन्मभूमि पर लगे ताले की स्थिति रही हो या फिर कुछ दूसरी, उन्होंने उस दौरान देश में सनसनी फैला दी थी। राजेश त्रिपाठी ने बताया राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ। 1989 में परमहंस दास को श्री राम जन्म भूमि न्यास का कार्याअध्यक्ष घोषित किया गया। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात घटना शिलादान के कार्यक्रम में रही। उन्होंने बताया इस दौरान पूरे देश में हलचल मच गई । कार्यक्रम को लेकर महंत ने आत्मदाह की घोषणा तक कर डाली थी। 9 नवंबर 1989 को शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
अंत समय में भी परमहंस दास ने सभी को चौंकाया
शिष्य राजेश त्रिपाठी ने बताया अपने भौतिक जीवन के अंतिम क्षणों में देहावसान के बाद एक बार फिर रामचंद्र परमहंस दास ने अयोध्या वासियों सहित पूरे देश को चौंका दिया। उनकी अंतिम यात्रा और श्रद्धांजलि के लिए वीवीआईपी लोगों की भरमार थी। लंबे समय से अयोध्या ना पहुंचने वाले तत्कालीन पीएम अटल बिहारी बाजपेई को यहां पहुंचना पड़ा। इसे देखकर आम अयोध्यावासी आश्चर्यचकित हो गए थे।
अयोध्या में हेलीपैड पर लैंड हुए सीएम योगी आदित्यनाथ, स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस को दी श्रद्धांजलि
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