मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मंत्रिपरिषद के साथ कृषि उत्पादन सेक्टर के सात विभागों का सौ दिन की कार्ययोजना को देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 100 दिन के बाद जनता के सामने सभी विभागों को अपने काम का प्रस्तुतीकरण देना होगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंत्रिपरिषद के सामने कृषि उत्पादन सेक्टर के सात विभागों की सौ दिन की कार्ययोजना का रोडमैप देखा। इस बैठक में उन्होंने कहा कि सभी विभाग आम आदमी को सुविधाएं देने के साथ ही रोजगार के अवसर भी तलाशें। जो विभाग जिस योजना को शुरू करता है तो उसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया कि 100 दिन के बाद जनता के सामने सभी विभागों को अपने कार्यों का प्रस्तुतीकरण भी करना है। इसलिए काम को तेजी के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जनहित की योजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं है लेकिन वित्तीय संतुलन का ध्यान जरूर रखें और खर्चों में कटौती करें।
तिलहन और दलहन में बनाए आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते है कि यूपी तिलहन और दलहन के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहेगा बल्कि दोनों का उत्पादन बढ़ाकर सूबे को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। जिस तरह से आबादी में वृद्धि हो रही है उसमें खाद्य तेलों की जरूरत के लिए अभी केवल 30-35 प्रतिशत ही तिलहन का उत्पादन हो रहा है। तो वही दलहन का उत्पादन 40-45 प्रतिशत ही है। इसे मांग के अनुरूप उत्पादन तक लाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार किसानों की आय में गुणात्मक तरीके से वृद्धि करने के लिए संकल्पित है। पांच सालों में ऐसा परिवेश तैयार किया जाए, जहां शानदार कृषि व्यवस्था हो और खाद्यान्न व पोषण की सुरक्षा हो।
31 मई तक किसानों की पूरी हो ई-केवाईसी
मसीएम योगी ने कहा कि बाढ़ बचाव से संबंधित कार्य 15 जून से पहले ही पूरा करा लिया जाएं। राज्य में जितने भी पुराने तट मरम्मत के लिए बचे है उनको समय से करा लिया जाए। नहरों के टल तक पानी पहुंचाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। आगे कहते है कि फसल बीमा योजना के सर्वेक्षण को पहले से सरल किया जाए और किसानों को इस संबंध में जागरूक करें। पीएम किसान योजना में नाम मिस मैच होने की समस्या आ रही है तो इसके लिए अभियान चलाए जिससे डेटा में सुधार किया जा सके। मई की 31 तारीख तक किसानों की ई-केवाईसी पूरी कर ली जाए।
गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान का करें इंतजाम
योगी आदित्यनाथ ने किसानों को गन्ना मूल्य भुगताने के लिए 14 दिनों के अंदर करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। इसके लिए हर तरह के जरूरी प्रयास किया जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल में 1,69,153 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कर नया कीर्तिमान बनाया गया है। इसी प्रकार अगले 100 दिनों के भीतर 8,000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान करने के प्रयास किए जाएं। साथ ही छह माह में यह लक्ष्य 12,000 करोड़ होना चाहिए।
नई मंडियां एक्सप्रेस वे के किनारे हो स्थापित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेस वे के किनारे नई मंडियां स्थापित की जाए। पीपीपी मॉडल पर मंत्रियों में प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने की नीति भी तैयार करें। उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 के तहत स्वीकृत इकाइयों को अनुदान अगले 100 दिन में कर दिया जाए। आगे कहते है कि कौशांबी व चंदौली जिले में इजरायल तकनीक पर आधारित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट एंड वेजिटेबल की स्थापना के काम को भी जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
सहकारी चीनी मिलों का हो आधुनिकीकरण
योगी कहते है कि बिलासपुर रामपुर, सेमीखेड़ा बरेली, पूरनपुर पीलीभीत और छाता मथुरा की सहकारी चीनी मिल का आधुनिकीकरण किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही साथा, नानौता और सुल्तानपुर चीनी मिल का सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए। पेराई सत्र 2022-23 के लिए डिजिटल गन्ना सर्वेक्षण हो। इन पांच सालों में गन्ने की उत्पादकता 81.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य के साथ कार्यवाही की जाए।
प्राकृतिक खेती की परियोजना को करें प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते है कि अधिकारी हर जिले में निर्यात की जा सकने वाली कई उपज का चिन्हींकरण करके निर्यात को बढ़ावा दें ताकि किसान भी मालामाल हो। इस योजना को ओडीओपी की तर्ज पर लागू की जा सकती है। गंगा नदी के किनारे 35 जिलों में प्राकृतिक खेती की परियोजना को भी प्रोत्साहित किया जाए। योगी आगे कहते है कि विकास खंड स्तर पर 500-1000 हेक्टेयर क्षेत्रफल के क्लस्टर का गठन होगा। उसमें हर क्लस्टर में एक चैंपियन फार्मर, एक सीनियर लोकल रिसोर्स पर्सन, दो लोकल रिसोर्स पर्सन व 10 कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन का चयन किया जाए।
निराश्रित पशुओं को बनाए जाए स्वावलंबी
योगी ने कहा कि निराश्रित पशुओं के संरक्षण के साथ केंद्र को स्वावलंबी बनाने के लिए अगले सौ दिनों में गो-अभ्यारण्य को स्थापित किया जाए। इसी समयकाल में 50,000 निराश्रित पशुओं को पंचायती राज व नगर विकास से समन्वय करके संरक्षण दिलाया जाए। उसके बाद छह महीने के अंदर एक लाख निराश्रित पशुओं के लिए व्यवस्थित आश्रय स्थान तैयार किया जाएं। योगी कहते है कि पशु स्वास्थ्य, कल्याण, स्थिर पशुपालन को बढ़ावा देना हमारा संकल्प है। अन्य पशुजन्य उत्पाद को प्राप्त करने के लिए उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि की जानी चाहिए।
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