PM मोदी के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाने वाली महिला कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमला, जांच में जुटी पुलिस

 रीता यादव ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि मैं पोस्टर बैनर बनवाने सुल्तानपुर गई थी, वहां से घर जा रही थी। उसी समय हाईवे पर लंभुआ के पास तीन लोगों ने ओवर टेक करके मेरी बोलेरो को रोका और गाली देते हुए जान से मराने की धमकी दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2022 5:34 AM IST

सुल्तानपुर: पीएम-सीएम की रैली में काला झंडा दिखाकर रीता यादव (Reeta yadav) एकाएक सुर्खियों में आ गई। दो दिनों तक उसे जेल की हवा खाना पड़ी थी। फिर जमानत पर रिहा हुई थी। वो सपा महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष थी और अपने इस कदम पर पार्टी में सम्मान नहीं मिलने पर उसने एक महीनें में ही सपा छोड़ा और लखनऊ पहुंचकर सीधे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka gandhi) के सम्मुख कांग्रेस (Congress) ज्वाइन किया। बीते कल यानी सोमवार की शाम उस पर जानलेवा हमला हुआ तो वो राजनैतिक गलियारे में फिर से चर्चा का विषय बन गई। यूपी कांग्रेस उसके प्रकरण को लेकर बीजेपी पर हमलावर भी हुई है़।

हाल जानने पहुंचे सपा-प्रसपा के नेता
 रीता यादव को डॉक्टरों ने सीएचसी लंभुआ से जिला अस्पताल सुल्तानपुर रेफर किया है़। यहां जैसे ही रीता यादव पहुंची कांग्रेस के नेताओं समेत प्रसपा और सपा के नेता तक उसका हाल-चाल जानने पहुंचे। कांग्रेस की ओर से प्रदेश सचिव मकसूद आलम, पूर्व फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य विजय श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष तेज बहादुर पाठक, शहर उपाध्यक्ष अनवार अहमद बब्बू, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष वरुण मिश्रा ने अस्पताल में उसका हाल जाना। तेज बहादुर पाठक ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने रीता से फोन पर बात किया और उसे हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

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मामले में संदिग्ध मोड़ आ रहा सामने
वहीं, इस मामले में लंभुआ कोतवाली की पुलिस ने देर रात रीता यादव की तहरीर पर जानलेवा हमले समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु किया है़। घटना के बाद ही सीओ लंभुआ सतीश चंद शुक्ला और पुलिस टीम व फॉरेंसिक टीम ने गहनता से जांच किया है़। पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में मामला संदिग्ध लग रही है़। दरअसल जिस एंगल से गन शॉट लगा है़ उसको लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। रीता के बाएं पैर में पिंडलियों के नीचे छर्रा लगा है़। अमूमन पुलिस की मुठभेड़ में बदमाशों के पैरों में इसी स्थान पर गोली लगने के मामले सामनें आते हैं। रीता का भी पूरा शरीर सुरक्षित है़। छर्रा सिर्फ पैर में ही लगा है़। ऐसे में बड़ा सवाल कहीं यह कोई सोची समझी चाल तो नहीं?

पोस्टर बनवाने सुल्तानपुर गई थीं रीता
बता दें कि रीता यादव ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि मैं पोस्टर बैनर बनवाने सुल्तानपुर गई थी, वहां से घर जा रही थी। उसी समय हाईवे पर लंभुआ के पास तीन लोगों ने ओवर टेक करके मेरी बोलेरो को रोका और गाली देते हुए जान से मराने की धमकी दिया। मेरे ड्राइवर की कनपटी पर पिस्टल लगा दिया। मैंने जब उन्हें इस पर एक तमाचा मारा तो उन्होंने मुझे मुझे गोली मार दिया। गोली मेरे पैर में लगी और तब तक बदमाश भाग निकले।

पीएम मोदी के लोकार्पण कार्यक्रम से सुर्खियों में आई थीं रीता
16 नवंबर को पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कर जिले के कूरेभार स्थित अरवल कीरी में सभा कर रहे थे तो रीता यादव ने उन्हें काला झंडा दिखाया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था और दो दिनों बाद उसकी बेल हुई थी। घटना के एक महीना बाद तक वो सपा में रही लेकिन सम्मान नहीं मिलने पर वो 17 दिसंबर को लखनऊ में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा से मिली और कांग्रेस ज्वाइन किया था।

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