Lakhimpur Violence: राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का डेलिगेशन, राहुल बोले- मंत्री का इस्तीफा जरूरी.. बताए कारण

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) से कांग्रेस नेता (Congress) मुलाकात की और इस घटना के तथ्यों से जुड़ा एक ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा मांगा है। बता दें कि कांग्रेस इस केस को लगातार उठा रही है और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2021 5:08 AM IST / Updated: Oct 13 2021, 01:32 PM IST

लखीमपुर खीरी। कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मुलाकात की और लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) मामले से अवगत कराया। कांग्रेस नेताओं ने अब तक के घटनाक्रम के बारे में भी पूरी जानकारी दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आरोपी के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। ऐसे में जांच प्रभावित हो सकती है। अगर निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना है तो मंत्री को पद से इस्तीफा देना चाहिए, वरना सरकार की नीयत पर सवाल उठेंगे। दरअसल,  कांग्रेस नेता शुरुआत से ही हिंसा मामले में योगी और मोदी सरकार को घेर रहे हैं। पहले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे की गिरफ्तारी और जांच जॉइन करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। अब केंद्रीय मंत्री मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग पर अड़े हैं।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में राहुल गांधी ने कहा- पीड़ित चाहते हैं कि उन्हें इंसाफ मिले। लेकिन, जिसने हत्या की है उसके पिता हिंदुस्तान के गृह राज्य मंत्री हैं, इसीलिए जब तक वह मंत्री हैं- सही न्याय नहीं मिल सकता। हमने ये बात राष्ट्रपति को बताई। राहुल ने कहा कि यह एक परिवार की नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की आवाज है। अगर पिता मंत्री है तो निष्पक्ष जांच कैसे होगी? राहुल ने ये भी कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि मंत्री को उनके पद से हटाया जाना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के 2 सिटिंग जज के जरिए इन्क्वायरी होनी चाहिए। 

प्रियंका ने कहा- आज सरकार से चर्चा करेंगे राष्ट्रपति
कांग्रेस के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी शामिल थीं। प्रियंका गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति ने हमको आश्वासन दिया है कि वह आज इस मामले पर सरकार के साथ चर्चा करेंगे। उनकी (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री) बर्खास्तगी की मांग कांग्रेस की मांग नहीं है, हमारे साथियों की मांग नहीं है, यह जनता की मांग है और पीड़ित किसान परिवारों की मांग है।

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क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचा अंकित दास
इधर, लखनऊ में अंकित दास के घर के बाहर नोटिस चस्पा होते ही वह क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचा। उसने वहां अपने बयान दर्ज कराए।

 

प्रियंका गांधी लगातार मामले को उठा रहीं...
इससे पहले प्रियंका गांधी लखीमपुर हिंसा में पीड़ित किसान परिवार से मिलने के लिए गई थीं। वे 24 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहीं। बाद में जमानत मिलने पर परिवार से मिलीं और ढांढस बंधाया। इसके बाद उन्होंने वाराणसी में किसान सम्मेलन के जरिए भाजपा सरकार को निशाने पर सवाल लिया और हिंसा को लेकर सवाल खड़े किए। इसके बाद प्रियंका ने लखनऊ में कांग्रेस नेताओं के साथ गांधी प्रतिमा के सामने मौन धरना दिया। एक दिन पहले ही प्रियंका हिंसा में मारे गए किसानों के अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंची थीं।

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लखनऊ में 26 अक्टूबर को किसान की महापंचायत
हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की है। टिकैत ने कहा कि जब तक अजय मिश्रा पद पर बने रहेंगे, तब तक निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं है। ऐसे में इस्तीफा ना देने पर आंदोलन किया जाएगा। इसको लेकर लखनऊ में बड़ी पंचायत होगी। टिकैत ने बताया कि हिंसा में मारे गए किसानों के अस्थि कलश देश के हर जिले में जाएंगे और लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

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यह है पूरा मामला
रविवार यानी 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान कुछ गाड़ियां उधर से जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाली जगह झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई।

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