यूपी के जिले इटावा में पति-पत्नी का अटूट प्रेम देखने को मिला। पति की मौत के वियोग में पत्नी ने भी अपने प्राण त्याग दिए। जिसके बाद दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस हादसे से परिवार पर दोहरा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
इटावा: उत्तर प्रदेश के जिले इटावा में दंपति में अटूट प्रेम देखने को मिला। ऐसा इसलिए सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा करने वाली पत्नी, पति के मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने भी प्राण त्याग दिए। घरवालों ने दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया। इस हादसे में परिवार के सदस्यों को रो-रोकर बुरा हाल है क्योंकि दोहरा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। यह मामला शहर के जसवंतनगर के ग्राम खेड़ा धौलपुर गांव का है। पूरे गांव में चर्चा है कि साथ जीने-मरने की कसम को निभाने की कहानी तो सुनी थी लेकिन देखने को अब मिली है। यह घटना गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
पति की अर्थी शमशान में पहुंचते ही महिला हो गई अचेत
शहर के जसवंतनगर के ग्राम खेड़ा धौलपुर गांव के निवासी रघुवर दयाल प्रजापति (75) कुछ समय से अस्वस्थ थे। इस कारणवश उनकी शनिवार की शाम मौत हो गई थी। उनकी पत्नी विमला देवी (65) पंजाब में रह रहे बडे़ पुत्र विनोद के पास थीं। उनको जैसे ही पति की मौत की सूचना मिली तो वह रविवार रात इटावा आ गईं। रविवार की सुबह जब मृतक रघुवर दयाल के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तब उनकी पत्नी विमला देवी ने पिंडदान किया। पति की अर्थी श्मशान घाट तक नहीं पहुंची और बुजुर्ग महिला को उनकी मौत का ऐसा सदमा लगा कि वह अचेत हो गई। आनन-फानन में लोग उन्हें अस्पताल ले गए पर उससे पहले ही उनकी मौत हो गई।
दंपति का व्यवहार ग्रामीणों को था काफी पंसद
यह दृश्य देखकर वहां पर मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई। मृतक दंपति के बेटे विनोद का कहना है कि उनके माता-पिता में बहुत प्रेम था। दोनों में कभी कोई लड़ाई-झगड़ा या मनमुटाव शायद ही कभी होता था। आगे कहता है कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके सिर से मां और पापा का साया एक ही साथ उठ गया। मृतक दंपति के तीन बेटे विनोद, प्रमोद, राजू व दो पुत्रियां सुनीता और संगीता हैं। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि पति-पत्नी दोनों का स्वभाव निहायत ही मधुर था। गांव के हर व्यक्ति से वे बड़े प्रेम से व्यवहार करते थे। उनकी मौत से हम सभी बेहद दुखी हैं।