
फर्रुखाबाद (Uttar Pradesh). यूपी के फर्रुखाबाद में गरुवार रात करीब 8 घंटे तक घर में बंधक बनाए गए 23 मासूम बच्चों को पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। एनएसजी कमांडो ने गांववालों के साथ मिलकर यह आपरेशन चलाया। इस दौरान बच्चों को बंधक बनाने वाला आरोपी मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसकी पत्नी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। आरोपी ने बेटी की बर्थडे पार्टी के बहाने बच्चों को बुलाकर अंडरग्राडंड कमरे में बंद कर दिया था। आरोपी ने ऐसा अचानक से नहीं किया। इससे पहले भी उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है।
मामूली विवाद पर काट दिया था पड़ोसी का गला
23 बच्चों को बंधक बनाने की घटना मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के करथिया गांव की है। यहां रहने वाले सुभाष ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन सुभाष ने यह अचानक से नहीं किया। उसका पहले भी क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। सुभाष का साल 2001 में गांव के ही रहने वाले मेघनाथ से नाली को लेकर विवाद हो गया था। जिसपर उसने मेघनाथ की चाकू से उसी के घर के बाहर गला काटकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। 10 साल तक वह जेल में रहा। करीब डेढ़ साल पहले वो जमानत पर छूटकर आया था।
कभी थाने से भाग निकला था सुभाष
|करीब आठ महीने पहले मौधा गांव के अमर सिंह राठौर के खेत से रबड़ का पाइप चोरी हो गया था। पुलिस की जांच में सुभाष का नाम सामने आया। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने ले गई। लेकिन अंधेरा होने पर वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। करीब चार महीने पहले स्वॉट टीम ने उसे पकड़ा था। दो-तीन दिन तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया। बताया जाता है कि तभी से सुभाष गांववालों और स्वॉट टीम के दो सिपाही सचेंद्र सिंह व अनुज तिवारी से नाराज था।
सुभाष के पिता और भाई की हो चुकी है मौत
सुभाष दो भाई और एक बहन है। बहन की शादी हो चुकी है। पिता जगदीश बाथम की 2006 में मौत हो गई थी। छोटे भाई सोविंद उर्फ कल्लू की करीब 4 साल पहले बीमारी की वजह से मौत हो गई थी।
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