गोरखपुर में कुछ व्यक्तियों का एक समूह लोगों का धर्म परिवर्तन करवाकर उन्हें ईसाई बना रहे हैं। यह लोग अनुसूचित जाति के लोगों को अपना निशाना बना रहे थे। प्रधान की शिकायत पर तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरी, शिक्षा, ऐशो आराम की जिंदगी का प्रलोभन देकर उनको ईसाई बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस ने धर्म परिवर्तन करवाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला गोरखपुर जिले के पिपराइच इलाके के महुअंवा खुर्द गांव की है। जहां पर बीते रविवार को धर्म सभा आयोजित कर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा कर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है। आरोपियों के पकड़े जाने पर उनके समर्थकों ने थाने पर पहुंच कर विरोध प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। जिसके बाद पुलिस प्रदर्शन करने वालों के साथ सख्ती से पेश आई। गांव के प्रधान शैलेश कुमार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने धर्म परिवर्तन, जालसाजी, मेडिकल काउंसिल एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरुकर दी है।
प्रलोभन देकर करवा रहे धर्म परिवर्तन
पुलिस ने जिन आरोपियों को हिरासत में लिया है उनकी पहचान महुअंवा खुर्द गांव निवासी अवधेश चौधरी, गोविंदपुर निवासी अमिता बच्चन और भरपुरवा निवासी भरत के तौर पर हुई है। प्रधान शैलेश ने तीन नामजद अवधेश चौधरी, अमिता बच्चन और भरत समेत 8 से 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर लिखवाई है। उन्होंने तहरीर में बताया कि यह लोग पिछले कुछ दिनों से गांव में खासकर अनुसूचित जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन करवाने का दबाव बना रहे है। धर्मांतरम के बदले में उन्हें नौकरी, शिक्षा, पैसा और ऐशो आराम की जिंदगी देने का लालच दे रहे हैं। आरोपित लोग अफवाह फैला रहे है कि ईसाई धर्म चुनने के बाद उनकी जिंदगी से कई परेशानियां दूर हो गई और आज वह हसी-खुशी अपना जीवन बिता रहे हैं। जिससे के लोग उनके बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन करवा लें।
पुलिस ने तीन नामजद लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने प्रधान की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन करवाने वाले आरोपी बिना किसी डिग्री के लोगों का इलाज भी करते हैं। कैंसर, गर्दन गर्द, कान का बहना जैसे रोगों का इलाज करने का दावा करते हैं और लोगों को बेवकूफ बनाकर झाड़-फुंक कर उनसे पैसे ऐंठते हैं। जो लोग पैसे पर भी धर्म परिवर्तन के लिए तैयार नहीं होते। उन पर उनकी बीमारियों को सही करने का बहाना बनाकर धर्मांतरण का दबाव बनाया जाता है। इसी कारण से पुलिस ने आरोपों के आधार पर आरोपियों पर मेडिकल काउंसिल एक्ट भी लगाया है।
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