गाजियाबाद के मोदीनगर में छात्र अनुराग की मौत के मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि गाजियाबाद में 756 स्कूली वाहन फिटनेस समाप्त होने के बाद भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद के मोदीनगर के छात्र अनुराग की मौत मामले को योगी सरकार ने गंभीरता से लिया है। शुक्रवार को इस मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सतीश कुमार, विश्वजीत प्रताप सिंह और संभागीय निरीक्षक प्रेम सिंह शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक शासन स्तर से कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी गोपनीय जांच कराई जा रही है। गाजियाबाद में स्कूली बच्चों की जान जोखिम में डालकर 166 स्कूलों के 756 स्कूली वाहनों के फिटनेस समाप्त होने के बाद भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आरटीओ स्तर से पत्र भेजने के बाद वाहनों को सीज करने के नाम पर भी आंखे बंद कर रखी है। इस हादसे के बाद से उन सभी वाहनों की सूची बना ली गई है। जिसमें से पाया गया है कि जिले के 13 स्कूलों की पांच से अधिक बसों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है।
अनुराग फिटनेस खत्म हो चुकी बस में था बैठा
हादसे के बाद उन वाहनों को सीज करने के बाद स्कलों के प्रबंधन को नोटिस जारी करने के अलावा आरटीओ स्तर से 27 स्कूल बसों के चालान किए है। तो वहीं 19 बसों को सीज किया गया है। 26 अप्रैल तक सघन चेकिंग की जाएगी। 20 अप्रैल यानी बुधवार को अनुराग भी फिटनेस खत्म हो चुकी बस में ही घर से स्कूल के लिए जा रहा था। स्कूल प्रबंधन और आरटीओ की लापरवाही के चलते ब्लैकलिस्ट बस का संचालन किया जा रहा था।
मृतक छात्र अनुराग के साथ बस में थी उसकी बहन भी
बता दें कि बुधवार को स्कूल बस ड्राइवर की लापरवाही से एक स्कूली छात्र की मौत का मामला सामने आया था। यह दर्दनाक घटना गाजियाबाद के मोदीनगर से सामने आई। जहां दयावती मोदी पब्लिक स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ने वाला 11 वर्षीय अनुराग हादसे का शिकार हुआ। वह हमेशा की तरह ही बस में बैठकर स्कूल जा रहा था। उसी बस में छात्र की बहन भी सवार थी।
बहन ने बताया कि उल्टी आने के बाद अनुराग ने अपना सिर खिड़की से बाहर निकाला और ड्राइवर ने मोदीपोन चौकी के पास स्कूल की ओर बस को तेज रफ्तार में घुमा दिया। इसी बीच अनुराग का सिर एंट्री गेट से टकरा गया और उसके सिर पर गहरा घाव हो गया।
प्रदेश व्यापी चलाए फिटनेस जांच अभियान
आपको बता दें कि इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के साथ-साथ संबंधित परिवहन अधिकारी की भी जवाबदेही तय की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि स्कूल बसों की फिटनेस की जांच के लिए एक सप्ताह का समय है जिसमें प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाए। साथ ही स्कूल बसों के लिए तय मानक के हर पहलू का परीक्षण किया जाए।
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