सार
बरेली के दस साल के मासूम बच्चे हन्नान ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। उसे रास्ते में 5 लाख रुपए से भरा बैग मिला था। इस बैग के मिलने के बाद हन्नान मालिक का इंतजार करता रहा। निराश होकर घर लौटा तो उसकी मां ने बेटे को सलाह दी की उसी जगह पर बैग लेकर जाए।
बरेली: उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली में एक गरीब परिवार की ईमानदारी की मिसाल देने पड़ेगी। क्योंकि आज के दौर में ऐसे बहुत कम लोग मिलते हैं जो ईमानदारी के पाठ को कायम रख पाए। लेकिन जब कोई रुपयों से भरा बैग वापस कर दे तो लगता है कि हां आज भी इंसानियत और ईमानदारी दोनों जिंदा है। दरअसल ऐसी मिसाल दस साल के मासूम बच्चे हन्नान ने पेश की है। उसे रास्ते में पांच लाख रुपए से भरा बैग मिला था। इस बैग के मिलने के बाद हन्नान ने बैग के मालिक की काफी देर तक तलाश की लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद उसने पैसों से भरा बैग अपनी मां के हाथ में रख दिया। मगर मां ने भी ईमानदारी की मिसाल कायम की। उसने तुरंत अपने बेटे हन्नान को रुपयों से भरे बैग को उसके मालिक को देने की सलाह दी।
हन्नान के घर की आर्थिक स्थित नहीं ठीक
दस साल का मासूम बच्चा हन्नान अपनी मां के कहने पर दोबारा उसी जगह गया जहां पर उसे वो बैग पड़ा हुआ मिला था। काफी देर तक धूप में खड़े होकर हन्नान ने इंतजार किया। कुछ समय बाद बैग का मालिक वहां पहुंच गया। उसने ठेकेदार को बैग सौंप दिया। कैंट थाना क्षेत्र की ठिरिया में हन्नान का पूरा परिवार रहता है। दस साल के हन्नान के पिता निजावत खां ऑटो मैकेनिक है। उनके परिवार की आर्थिक स्थित बहुत अच्छी नहीं है। मगर उसकी और हन्नान की ईमानदारी की मिसाल देने पड़ेगी।
मां तरन्नुम ने पैसे लौटाने की दी सलाह
हन्नान साबरी पब्लिक स्कूल में कक्षा छह में पढ़ता है। कक्षा 6 में पढ़ने वाले हन्नान की ईमानदारी की तारीफ नगर पंचायत ही नहीं आस पड़ोस के गांवों में भी हो रही है। हन्नान ने बताया कि वह घर से कुछ सामान लेने के लिए बाहर गया था। इसी दौरान सड़क से गुजरते ऑटो में बैठे एक व्यक्ति का बैग सड़क पर गिर गया। उसने बताया कि बैग उठाकर ऑटो के पीछे देने के लिए काफी दूर तक दौड़ा। मगर, वह उसे नहीं पकड़ पाया। इसके बाद वह बैग लेकर घर पहुंचा। उसने पूरी बात अपनी मां तरन्नुम को बताई। उसकी मां ने बैग खोलकर देखा और वह हैरान हो गई। हन्नाने ने बताया कि मां नोटों के बंडल देखने के बाद बोलीं, जिसके यह गिरे होंगे। उसका क्या हाल होगा। यह सोचकर तुरंत बेटे को वापस बैग देने के लिए भेज दिया।
मस्जिद से ऐलान सुनते ही लौटाए रुपए
मां तरन्नुम के कहने पर हन्नान उसी जगह गया जहां बैग गिरा था। वह धूप में खड़ा होकर इंतजार कर रहा था। तभी कुछ ही देर बाद मस्जिद ख्वाजा गरीब नवाज से ऐलान हुआ कि किसी को कोई बैग मिला हो तो लौटा दें। हन्नान ऐलान सुनने के बाद मस्जिद पहुंचा। उसने रुपयों से भरा बैग ठेकेदार फिरासत हैदर खां को लौटा दिया।
पतली सड़क की वजह से ऑटो में बैठा
ठेकेदार फिरासद हैदर खां को हन्नान की वजह से पांच लाख रुपयों से भरा बैग मिल गया। उन्होंने बताया कि ठिरिया निजावत खां कार से आए थे। मगर सड़क बहुत ज्याद पतली थी। जिसकी वजह से उन्होंने ऑटो पकड़ ली। उन्होंने बताया कि रकम का बैग कपड़ों के बैग में रखा था। रास्ते में कपड़ों के बैग का मुंह खुला रह गया। इसी वजह से नोटों वाला बैग गिर गया। कुछ दूर जाने के बाद उन्हें पता चला। मगर तब तक बैग रास्ते में नहीं मिला। ठेकेदार ने बताया कि काफी तलाश की। मगर बैग नहीं मिला। छात्र हन्नान की ईमानदारी को देखते हुए स्कूल मैनेजमेंट ने उसकी एक साल की फीस माफ कर दी। हन्नान का यह किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। इसके बाद हन्नान के स्कूल मैनेजमेंट ने उसकी एक साल की फीस माफ कर दी।
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