गोरखपुर: कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, जिला अस्पताल में आरक्षित किए गए बेड

कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है इसके लिए जिला अस्पताल में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो बेड आरक्षित किए गए है। अस्पताल ने इसको लेकर अपने यहां बेडों की व्यवस्था भी कर दी है और इन मरीजों के बेड के साथ-साथ वार्ड भी अलग रहेंगे।

Asianet News Hindi | Published : May 30, 2022 11:18 AM IST

रजत भट्ट
गोरखपुर:
उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में पांच बेड तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो बेड आरक्षित किए गए हैं। यह बेड मंकीपॉक्स को देखते हुए आरक्षित किए गए हैं। अभी तक सारी दुनिया कोरोना महामारी से उबरी भी नहीं थी। तब तक एक नया वायरस दुनिया को अपनी चपेट में लेने के लिए आ गया। इसी वायरस को देखते हुए देश में अलर्ट जारी हुआ है। गोरखपुर में भी इसको लेकर सतर्कता बरती जा रही है। जिला अस्पताल ने इसको लेकर अपने यहां बेडों की व्यवस्था भी कर दी है और इन मरीजों के बेड के साथ-साथ वार्ड भी अलग रहेंगे।

मंकीपॉक्स वायरस कैसे होते हैं लक्षण
स्मॉल पॉक्स की तरह दिखने वाला यह एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे मंकीपॉक्स भी कहा जाता है। जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। देखने में यह चेचक का बड़ा रूप होता है। किसी जानवर को अगर मंकीपॉक्स हुआ है और उसके संपर्क में कोई इंसान आया तो आशंका पूरी है कि उसे भी यह बीमारी हो सकती है। 

सीएमओ ने सतर्कता बरतने को लेकर दिए निर्देश
आपको बता दें मंकीपॉक्स को लेकर गोरखपुर में भी जिला अस्पताल के सीएमओ और डॉक्टरों ने कमर कस ली है। सीएमओ डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने कहा मंकीपॉक्स के मरीज अभी तक जिले में एक भी नहीं मिले हैं। हालांकि अस्पतालों को सजगता बरतने का निर्देश दे दिया गया है। साथ ही इस वायरस के शुरुआती लक्षण भी बताए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले व्यक्ति को बुखार आता है फिर उसके बाद शरीर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं।

शहर में प्रशासन ने बीते दिनों चलाई मुहिम 
गोरखपुर प्रशासन ने बीते दिनों अल्ट्रासाउंड सेंटर और कुछ अस्पतालों का औचक जांच किया। जिसमें कुछ अल्ट्रासाउंड सेंटर सील भी किए गए प्रशासन स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ किसी भी तरह कि समझौतों नहीं करना चाहती। उसी को देखते हुए कुछ प्राइवेट अस्पतालों पे गाज भी गिरी थी। इसी प्रकार सरकारी अस्पताल में भी किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा रही है। यही कारण है कि मंकीपॉक्स के मरीज मिलने से पहले ही अस्पतालों को सचेत कर दिया है।

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