2022 के विधानसभा चुनाव का पहला चरण 10 फरवरी को होना है। सभी पार्टियों पूरी जद्दोजहद से प्रचार में लगी हुई हैं। प्रत्याशी भी अपने वोटरों को लुभाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते। मथुरा की राजनीति प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार का फैसला करेगी।
निर्मल राजपूत
मथुरा: सियासत के पन्नों पर धर्म का पारा धीरे-धीरे चढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में इस बार अहम जगह मथुरा को दी गई है। यहां लगातार भाजपा सहित विभिन्न पार्टियों के नेता और मंत्री लगातार प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं। पूरे दमखम से प्रत्याशी अपने वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं और मथुरा की राजनीति पर धर्म ने डेरा जमा लिया है। मथुरा की राजनीति प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार का फैसला करेगी। वृंदावन के साधु संतों ने अपनी राय रखी और दोबारा योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का नेतृत्व वृंदावन का साधु संत समाज सौंपना चाहता है।
इस सरकार में हिंदू को शक्ति का हुआ है एहसास
2022 के विधानसभा चुनाव का पहला चरण 10 फरवरी को होना है। सभी पार्टियों पूरी जद्दोजहद से प्रचार में लगी हुई हैं। प्रत्याशी भी अपने वोटरों को लुभाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते। सभी पार्टियां अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग जनता को डोर टू डोर जाकर सुना रहे हैं। मथुरा की राजनीति भी पूरी तरह से अपने चरम पर है। यहां विकास की बात ना कर प्रत्याशी मंदिर मस्जिद में लोगों को अटका कर वोट की पेशकश कर रहे हैं। धर्म स्थली होने के वजह से पूरे प्रदेश की निगाह मथुरा की राजनीति पर नजरें गड़ाए बैठी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री की दिशा और दशा मथुरा की ही राजनीति इस बार तय करेगी।
वृंदावन के साधु संतों के बीच Asianet News हिंदी की टीम पहुंची और यहां के साधु-संतों से 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर उनके मन में क्या चल रहा है यह जानने की कोशिश की। संत समाज का कहना है कि अगर हिंदू और हिंदुत्व को बचाना है तो प्रदेश में योगी को लाना बेहद जरूरी है। पूर्ववर्ती सरकार के मुलाजिम मुस्लिम और टोपी की बात करते थे। आज हमें यह लगता है कि हम हिंदू हैं। कोई हमारे हिंदू की और राष्ट्र की बात करने वाला भी इस प्रदेश की गद्दी पर बैठा है।
जल्द ही श्रीकृष्ण को कराएंगे जंजीरों से मुक्त
कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप में साफ लहजे में कहा कि जो हिंदुत्व की बात करेगा वह प्रदेश पर राज करेगा। योगी आदित्यनाथ को हम उन्हें सत्ता में देखना चाहते हैं और शाही ईदगाह मस्जिद और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद तभी तो लग पाएगा जब योगी आदित्यनाथ दोबारा से मुख्यमंत्री बनेंगे। प्रदेश की राजनीति मथुरा तय करेगा। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण को जल्दी ही जंजीरों से कैद कराया जाएगा। उन्हें कैद से छुड़ाने के लिए हम पूरी ताकत झोंक देंगे।
पिछली सरकार होती थीं मुसलमानों की मसीहा
वृंदावन के संत फूलडोल दास महाराज से जब बात की तो उन्होंने बताया कि देश में पहला मुख्यमंत्री ऐसा पैदा हुआ है जो हिंदू के साथ-साथ हिंदुत्व की बात करता है। पहले जो लोग सत्ता में बैठे हुए थे वह विकास की बात नहीं करते थे, हिंदू की बात नहीं करते थे, उन्हें तो केवल अपने वोट बैंक मुसलमानों की याद चुनाव के टाइम पर आती थी। मुसलमान उन्हें अपना मसीहा मानते हैं यही वजह है के सभी गठबंधन के लोग एकत्रित होकर एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और धरतीपुत्र को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में योगी के आने से अपराध कम हुआ है, बेटियां सड़क पर सुरक्षित चल सकती है।
2022 का चुनाव भारत का भविष्य स्पष्ट करेगा
आचार्य वागीश का कहना है 2022 का चुनाव भारत का भविष्य स्पष्ट करेगा। भारत देश धर्म प्रधान देश है। आस्था का देश है। भारत देश का सम्मान नहीं होगा तो देश का अस्तित्व मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीति के बीच धर्म को नहीं लाना चाहिए। धर्म भी दूर है और राजनीति विशुद्ध है। 2022 का चुनाव भारत की अस्मिता का चुनाव है। भारत का हिंदू यह चाहता है कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो धर्म जाति सबको परे हटा कर एक ऐसा सही नेता चुने जो देश हित में कार्य करने के साथ-साथ विकास में भी विश्वास रखता हो।
प्रदेश, पब्लिक और समाज का ध्यान रखने वाला हो मुख्यमंत्री
वहीं आचार्य रामविलास चतुर्वेदी सेजल से टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि चुनाव आता है तो सभी पार्टी जोर लगाती हैं। सभी पार्टियों के लोग अपने-अपने विकास गिना रहे हैं, लेकिन इसके साथ-साथ एक दूसरे पर भी लोग तरस रहे हैं। मतदान सभी को करना चाहिए और मतदाता एक वोट प्रदेश की राजनीति को तय करता है या यूं कहें प्रदेश की राजनीति दिल्ली जाने का रास्ता साफ करती है। गठबंधन और एक अकेला व्यक्ति के बीच की लड़ाई है लोगों से अपील है कि 100% मतदान करें। प्रदेश का मुख्यमंत्री ऐसा हो जो प्रदेश, पब्लिक और समाज का ध्यान रखे।
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