BSP से निकाले गए हिरशंकर तिवारी के दोनों बेटे आज थाम सकते हैं सपा की साइकिल

बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे आज समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सपा बीजेपी के विधायक दिग्विजय नारायण चौबे को भी अपने खेमे में लाने की कोशिश में है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 11:03 PM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले नेता अपना घर (पार्टी) बदल रहे हैं। वहीं, राजनीतिक पार्टियां भी वोटों के समीकरण के अनुसार नेताओं को साधने में जुटी हैं। इसी क्रम में खबर है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) से निकाले गए बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे (छोटे बेटे विधायक विनय शंकर तिवारी और बड़े बेटे व पूर्व सांसद कुशल तिवारी) रविवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। 

हाथी (बसपा का चुनाव चिह्न) से उतारे गए विनय शंकर और कुशल तिवारी को सपा की साइकिल (चुनाव चिह्न) की सवारी कितनी रास आती है यह तो चुनाव के नतीजे बताएंगे। बहरहाल दोनों नेताओं को शामिल कराकर सपा पूर्वांचल के ब्राह्मण वोट अपने पक्ष में करने की कोशिश में है। सपा बीजेपी के विधायक दिग्विजय नारायण चौबे को भी अपने खेमे में लाने की कोशिश में है। 

Latest Videos

बदल सकते हैं पूर्वांचल के समीकरण 
बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर स्थापित करने में जुटे हैं। ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीति के बीच हरिशंकर तिवारी परिवार के सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं। यह इलाका ब्राह्मण बहुल माना जाता है। हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल में ब्राह्मणों के बड़े नेता के रूप में गिना जाता है। 

हरिशंकर को कहा जाता है बाहुबलियों का गुरु
गौरतलब है कि हरिशंकर तिवारी को उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों का गुरु कहा जाता है। उनके नक्शे कदम पर चलकर मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह जैसे बाहुबलियों ने राजनीति में कदम रखा था। हरिशंकर और वीरेंद्र प्रताप शाही के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने यूपी में ठाकुर बनाम ब्राह्मण का रंग भरा था। हरिशंकर तिवारी की पहचान ब्राह्मणों के बाहुबली नेता के तौर पर है। 

80 के दशक में राजनीति में धनबल और बाहुबल के जनक के तौर पर स्थापित हरिशंकर तिवारी की तूती बोलती थी। 1985 में हरिशंकर चिल्लूपार से विधायक बने। वह 1989, 91, 93, 96 और 2002 में यहीं से जीते। इसी सीट के दम पर हरिशंकर राज्य के मंत्री बने। 2007 के चुनाव में राजेश त्रिपाठी ने बीएसपी के टिकट पर लड़ते हुए उन्हें हरा दिया। 2017 के चुनाव में बीएसपी के टिकट पर मैदान में उतरे हरिशंकर के बेटे विनय शंकर ने चिल्लूपार में जीत दर्ज की थी।

 

ये भी पढ़ें

Saryu Nahar National Project: PM मोदी ने अखिलेश यादव पर कसा तंज, बोले- कुछ लोगों की प्राथमिकता केवल फीता काटना

दिसम्बर में ही जारी होगी कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची, 100 से अधिक नाम हो सकते हैं शामिल

विपक्षी दलों ने नहीं ली रुचि, 40 सालों तक रुकी रही परियोजना- सीएम योगी

Share this article
click me!

Latest Videos

छतरपुर में क्लास में घुसा नॉटी मंकी, मचाता रहा उत्पात #Shorts
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सबसे खतरनाक प्लान बना रहा ईरान, अमेरिकी एजेंसियां अलर्ट
दिल्ली में काम करने वालों को CM Atishi का बड़ा गिफ्ट, अब नहीं रहेगी कोई टेंशन । Delhi Salary
Navratri 2024 : ये हैं मां दुर्गा के 108 नाम, नवरात्रि में 9 दिन करें इनका जाप
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी ने जम्मू, जम्मू-कश्मीर में जनता को संबोधित किया