प्रभात गुप्ता कांड पर आज हुई सुनवाई, SIT की रिपोर्ट में तीन आरोपी पाए गए निर्दोष

आदेश के विरोध में पीड़ित परिवार जनों ने हाई कोर्ट में अपील दायर की इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था इसके बाद पीड़ित परिवार जन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आरोप है कि भाजपा नेता पंचायत चुनाव की रंजिश में सुभाष की गोली मारकर हत्या कर दी थी इस मामले में टेनी  के अलावा मौके पर मौजूद शशि भूषण और पिंकी राकेश हत्या का मामला दर्ज हुआ थ

Asianet News Hindi | Published : Jan 21, 2022 1:41 PM IST

लखीमपुर खीरी: 8 जुलाई 2000 को तिकुनिया में हुए सपा नेता प्रभात गुप्ता कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज ऑनलाइन सुनवाई हुई। घटनाक्रम के अनुसार 8 जुलाई 2000 को तिकुनिया  में दिन के 3:00 बजे सपा नेता प्रभात गुप्ता (Prabhat Gupta) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने  थाना तिकुनिया  में धारा 302 के तहत एफ आई आर दर्ज करवाई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी (Ajay mishra teni) समेत चार व्यक्तियों को 29 मार्च 2004 को सेशन कोर्ट से बरी कर दिया गया था। 

SIT  की रिपोर्ट में सात आरोपियों में से तीन पाए गए निर्दोष
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ड्राइवर और समर्थकों की पीट-पीटकर हत्या और वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी के मामले में गिरफ्तार 7 आरोपियों में से तीन निर्दोष पाए गएी। एसआईटी ने अपनी जांच में 1300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। विवेचक ने चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ और उकसाने समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है। एसआईटी  की रिपोर्ट में सरदार विचित्तर सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरप्रीत और कमलजीत को आरोपी बनाया गया है। साथ ही रंजीत सिंह, अवतार सिंह और सोनू को जांच में निर्दोष पाया गया है। जिससे उम्मीद है जल्द जेल से रिहा हो सकते हैं।

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आदेश के विरोध में पीड़ित परिवार जनों ने हाई कोर्ट में अपील दायर की इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद पीड़ित परिवार जन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आरोप है कि भाजपा नेता पंचायत चुनाव की रंजिश में सुभाष की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में टेनी के अलावा मौके पर मौजूद शशि भूषण और पिंकी राकेश हत्या का मामला दर्ज हुआ था। 29 मार्च 2004 को जिला एवं सत्र न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया था इस आदेश के खिलाफ प्रभात के परिजनों ने हाई कोर्ट में अप्रैल 2004 में अपील की अजय मिश्र सहित सभी अभियुक्तों का हाई कोर्ट से वारंट जारी हुआ। इसके बाद सभी अभियुक्तों ने सीजीएम लखीमपुर अदालत में जमानत करवा ली। करीब 14 साल बाद 12 मार्च 2018 को जस्टिस डीके सिंह और डीके उपाध्याय की  डबल बेंच ने 3 दिन बहस सुनी  और आदेश सुरक्षित कर लिया। इस मामले में अभी तक फैसला नहीं आया है प्रभात के छोटे भाई राजीव गुप्ता ने बताया कि 18 दिसंबर 2021 को एसएलपी  सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था।
 

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