यूपी के जिले कानपुर में विधायक इरफान से अधिकारियों ने करीब 80 सवाल पूछे। जिसमें से उन्होंने एक सवाल पर कहा कि डर गया था कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा। इस दौरान पुलिस ने वीडियोग्राफी भी कराई ताकि बाद में अगर पलटते है तो सबूत मौजूद रहे।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में जाजनऊ आगजनी के मामले में शुक्रवार को विधायक इरफान सोलंकी व उनके भाई रिजवान ने परिवार के साथ पहुंचकर सरेंडर कर दिया था। इसके बाद जब पुलिस ने छानबीन शुरू की और उनसे सवालों का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला कि वह करियर खत्म होने की वजह से डर गए थे और इसी वजह से भाग रहे थे। जांच में पता चला है कि सपा विधायक इरफान सोलंकी 13 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे थे। वहां उनको एक लोकल चैनल के पत्रकार और सफेदपोश की मदद से बिना आईडी का कमरा लेकर 17 नवंबर तक रुके थे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
सपा नेती का निजी ड्राइवर के साथ विधायक पहुंचे थे नोएडा
पुलिस द्वारा इस सीसीटीवी फुटेज में विधायक इरफान सोलंकी व उनके सहयोगी आते-जाते भी दिखाई दे रहे हैं। इस फुटेज को पुलिस साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस टीम समय रहते हैदराबाद पहुंच गई थी पर वहां की लोकल पुलिस ने सहयोग नहीं किया था। दूसरी ओर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि कानपुर से लखनऊ पहुंचने के बाद विधायक ने दिल्ली की तरफ जाना तय किया था। उसके बाद किराए पर ली गई गाड़ी का ड्राइवर समाजवादी पार्टी की नेता नूरी शौकत का निजी ड्राइवर अली था। फिक इस गाड़ी से विधायक नोएडा पहुंचे।
हैदराबाद में रुकने के बाद ट्रक का सहारा लेकर पहुंचे नागपुर
आनंद प्रकाश तिवारी ने आगे बताया कि नोएडा से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे फिर वहां से इंडिगो की फ्लाइट से मुंबई पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद विधायक के साले पहले से ही गाड़ी लेकर उनका इंतजार कर रहे थे। यहां पर कुछ असरदार लोगों के यहां रुकने के बाद वह हैदराबाद पहुंचे। वहां कुछ दिन रुकने के बाद उन्होंने ठिकाना बदलने के लिए ट्रक का ही सहारा लिया और ट्रक में बैठकर नागपुर पहुंचे। उसके बाद यहां से उज्जैन होते हुए विधायक राजस्थान में अपने पुरखों के शहर नागौर पहुंचे। इतना ही नहीं यहां से वह अलवर भी गए थे।
विधायक इरफान ने भीड़ से कहा कि जिंदाबाद के नारे तो लगा दो
पुलिस को लोकेशन मिलने के बाद यहां पर छापेमारी भी की थी पर वह हाथ नहीं लगे। सरेंडर के दौरान वहां मौजूद एक सपा विधायक ने भीड़ से कहा कि अरे इरफान जिंदाबाद के नारे तो लगा दो यार। वीडियो में विधायक की आवाज रिकॉर्ड हो गई। वहीं इरफान के वकील नरेश चंद्र त्रिपाठी ने दावा किया विधायक पुलिस से डर गए थे। वह कहीं भागे नहीं थे बल्कि अपने ही घर में छिपे हुए थे। विधायक इरफान सोलंकी से अधिकारियों ने पूछताछ शुरू की तो करीब 80 सवाल पूछ डाले।
चलिए देखते है पुलिस ने क्या-क्या पूछे थे सवाल
1. अफसर- 8 नवंबर की रात जब पुलिस ने दबिश दी तब आप दोनों कहां चले गए थे?
विधायक- उन्होंने बोला कि हम दोनों भाई लखनऊ गए थे फिर वहां से दिल्ली फिर महाराष्ट्र गए थे।
2. अफसर- फर्जी आधार कार्ड बनाकर आपने हवाई यात्रा की?
विधायक- इस पर विधायक बोले कि यह आरोप निराधार है। मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया।
3. अफसर- आपने महिला के घर पर आग क्यों लगाई?
विधायक- विधायक कहते है कि मैंने किसी के घर में आग नहीं लगाई। वह जमीन मेरे भाई के नाम पर है। इस बारे में महिला से कई बार बात करने का प्रयास किया गया था।
4. अफसर- अगर आपने आग नहीं लगाई तो फिर भाग क्यों रहे थे?
विधायक- उन्होंने कहा कि मैं डर गया था, मुझे लगा मेरा करियर खत्म हो जाएगा, इस कारण मैं भाग गया था।
5. अफसर- (फोटो दिखाते हुए) अशरफ नाम से बुकिंग, आपका सीट नंबर और यह आपकी एयरपोर्ट से निकलती फोटो पुलिस के पास सबूत है?
विधायक- रोते हुए इरफान बोले कि अब आप ही मुझे बचा सकते हो, मेरी मदद करो।
इस तरह के सैकड़ों सवाल पुलिस ने विधायक इरफान सोलंकी से पूछे। इसके साथ ही पुलिस ने इस दौरान उनके बयानों की वीडियोग्राफी भी कराई ताकि वह बाद में मुकर न जाएं। इसके साथ ही फोरेंसिक टीम विधायक के फिंगर प्रिंट और हाथों के निशान भी लिए।