
कानपुर: नगर निगम में टैक्स कम करने औऱ नामांतरण का खेल बदस्तूर जारी है। जोन 5 में एक व्यावसायिक संपत्ति का टैक्स 16 लाख रुपए से घटाकर 74 हजार रुपए कर दिया गया। इसी के साथ जोन तीन में रजिस्ट्री से ज्यादा जगह का भी नामांतरण कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद नगर निगम के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। मामले में उच्चस्तरीय जांच होने के बाद निरीक्षक और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
नामांतरण में भी हुआ खेल
मीडिया रिपोर्टस में कानपुर में व्यावसायिक संपत्तियों को आवासीय दिखा नगर निगम को चूना लगाने का मामला सामने आया है। ऐसा ही खेल नामांतरण में भी देखने को मिला है। आरोप है कि कर निरीक्षक ने क्षेत्र में अपने निजी कर्मचारियों को लगा रखा है। यह एक-एक भवन का कर निर्धारण करने के लिए पहुंच जाते हैं। इसमें से कई कर निरीक्षक तो लखनऊ से आते हैं। ऐसे कर्मचारी देर से आकर जल्द ही निकल जाते हैं और उन्होंने काम देखने के लिए निजी कर्मचारियों को लगा रखा है। मामले में नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने अब ऐसे लखनऊ से आने जाने वाले कर्मचारियों को चिन्हित कर जांच शुरू कर दी है।
फाइल की जांच के बाद कई नाम आएंगे सामने
जोन पांच में दादानगर में भवन का गलत तरीके से नामांतरण के मामले में महापौर प्रमिला पांडेय ने जांच का आदेश दिया है। इसी के साथ इससे जुड़ी फाइल में भी खेल सामने आया है फाइल की जांच हुई तो कई अधिकारियों का नपना तय माना जा रहा है। इशके चलते लगातार मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
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