UP Election 2022: जानिए कौन सी है वो खास विधानसभा सीट, जहां 90 के दशक से एक ही परिवार का रहा है कब्जा

भाजपा के मजबूत गढ़ के रूप में कैंट विधान सभा क्षेत्र पर 90 के दशक से एक परिवार का कब्ज़ा रहा है 1967 के चुनाव में अस्तित्व में आयी इस सीट पर भारतीय जनसंघ के वारमेश्वर पांडेय ने चुनाव जीता। वर्तमान समय में सपा से एमएलसी शतरुद्र प्रताप सिंह ने इस सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीता वहीं साल 1991 से भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अपना मजबूत कब्जा जमा लिया।

अनुज तिवारी
वाराणसी:
 उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव ( UP Vidhansabha Chunav 2022) को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कसनी शुरू कर दी है । वहीं अब हर विधानसभा में बीते पांच सालों के काम काज का लेखा जोखा लिया जाना शुरू हो गया हैं। उत्तर प्रदेश की वाराणसी विधानसभा में कुल आठ सीट हैं। जिसमें सबसे प्रमुख सीट की बात करें तो कैंट विधानसभा सीट हैं। जो भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता हैं। भाजपा (BJP) के मजबूत गढ़ के रूप में कैंट विधान सभा क्षेत्र पर 90 के दशक से एक परिवार का कब्ज़ा रहा है। 1967 के चुनाव में अस्तित्व में आयी इस सीट पर भारतीय जनसंघ के वारमेश्वर पांडेय ने चुनाव जीता। वर्तमान समय में सपा से एमएलसी शतरुद्र प्रताप सिंह ने इस सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीता। वहीं साल 1991 से भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अपना मजबूत कब्जा जमा लिया।

पिछले पांच चुनाव में श्रीवास्तव परिवार ने हासिल की जीत 

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2017 में भाजपा से सौरभ श्रीवास्तव 
2012 में भाजपा से ज्योत्सना श्रीवास्तव 
2007 में भाजपा से ज्योत्सना श्रीवास्तव 
2002 में भाजपा से हरीश चंद श्रीवास्तव 
1996 में भाजपा से हरीश चंद्र उर्फ हरीश जी 

खास वजह
इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे खास बात यह है कि बनारस के 84 घाटों में से आधा घाट कैंट विधानसभा में मौजूद है और इसी विधानसभा क्षेत्र में बीएचयू , कैंट छावनी , संकट मोचन मंदिर भी आता है। और इन सबसे प्रमुख और मजबूत स्तंभ की बात करें तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन कार्यालय इसी विधानसभा में आते हैं मौजूदा बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव (Saurabh Srivastava) की बात करें तो विधायक जी की मां बंगाली ब्राह्मण और पिता कायस्थ हैं । और इस विधानसभा क्षेत्र में इन दोनों ही वर्गों के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और यही वजह है कि पिछले 30 सालों से एक ही परिवार इस सीट पर कब्जा जमाएं हुए हैं ।

कांग्रेस पार्टी एक ही प्रत्याशी पर जताती रही है विश्वास
इस विधानसभा में मजे की बात यह यही कि प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव लगातार कई चुनाव में खड़े हुए पर उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अनिल श्रीवास्तव ने 1991, 96, 2007, 2012 और 2017 चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा पर कामयाबी नहीं मिली।बावजूद इसके गांधी परिवार के करीबी को लगातार टिकट मिलता रहा है। इस सीट पर मौजूदा समय में सपा के एमएलसी शतरूद्र प्रताप सिंह भी कांग्रेस के टिकट पर 2002 में चुनाव लड़ चुके हैं और इसी वर्ष सपा के कद्दावर और मुस्लिम चेहरा इस्तेकबाल कुरैशी भी अपना दल से किस्मत आज़मा चुके हैं। इस विधानसभा सीट में सभी जाति के वोटर मौजूद है। और इस विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी काफी अच्छी हैं। 

इस सीट पर कांग्रेस बदल सकती है प्रतिद्वंद्वी
प्रियंका गांधी ने विधानसभा चुनाव के लिए 125 उम्मीदवारों की लिस्ट में 50 महिलाओं को स्थान दिया हैं। इस बार उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 50 % महिला को सीट देने की बात कही है। और यही वजह है कि इस विधानसभा सीट पर  उम्मीद लगाई जा रही कि कांग्रेश पार्टी किसी महिला को टिकट दिया जा सकता हैं । 

मतदाता समीकरण
 2021 के रिकार्ड के मुताबिक वाराणसी कैंट विधानसभा की कुल आबादी 560053 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 299782 वहीं महिला की कुल संख्या 266689 है। जबकि लगभग 436897  मतदाता हैं। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 241237 हैं, जबकि महिला मतदाता 195626 और अन्य 34 मतदाता हैं। कैंट विधानसभा का जेंडर रेशियो 811 है और ईपी रेशियो 78.01 है।

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