लखीमपुर हिंसा: मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, क्राइम ब्रांच कर रही पूछताछ

Published : Oct 09, 2021, 10:59 AM ISTUpdated : Oct 09, 2021, 11:31 AM IST
लखीमपुर हिंसा: मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने पुलिस के सामने किया सरेंडर, क्राइम ब्रांच कर रही पूछताछ

सार

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur kheri Violence) में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी (union minister ajay mishra का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंच गया है। आशीष को 11 बजे पेश होना था, लेकिन वो करीब 20 मिनट पहले ही पहुंच गए।

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश). लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur kheri Violence) में मुख्य आरोपी बनाए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी (union minister ajay mishra का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंच गया है। आशीष को 11 बजे पेश होना था, लेकिन वो करीब 20 मिनट पहले ही पहुंच गए। फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम आशीष से पूछताछ कर रही है।

पुलिस अफसर आशीष से पूछेंगे 40 सवाल
बता दें कि तय समय से पहले ही पुलिस विभाग के सभी बड़े अधिकारी पहुंच गए थे। लखीमपुर मामले में पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डीआईजी, एसपी विजय कुमार ढुल मौके पर मौजदू हैं। बताया जा रहा है कि आशीष से पूछताछ के लिए करीब 40 सवालों की लंबी लिस्ट बनाई गई है। जैसे वह हिंसा के दौरान कहा थे? वह अभी तक पुलिस के नोटिस के बाद भी पेश क्यों नहीं हुए?।

पिता-पुत्र ने बताया था बीमारी का बहाना
दरअसल, आशीष मिश्रा वैसे तो शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होना था। लेकिन गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे को 'निर्दोष' बताते हुए कहा था कि फिलहाल उनका बेटा अस्वस्थ है, इसलिए वह आज नहीं आ रहा है। वहीं खुद आशीष ने एक चिट्‌ठी लिखकर कहा था कि वह बीमार है, 9 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश होगा।

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सुप्रीम कोर्ट  की नाराजगी के बाद एक्शन में पुलिस
 पूरे मामले में सियासत जारी है, नेताओं पीड़ित परिवार के घर आना-जाना लगा हुआ है। वहीं पुलिस ने भी अब तक आशीष मिश्रा को लेकर कोई खासी तेजी नहीं दिखाई है। इसिलए इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई है। क्योंकि आशीष के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसी लिहाज से माना जा रहा है कि अब पूछताछ के बहाने आशीष को हिरासत में लिया जा सकता है।

आशीष के नेपाल भागने की भी चर्चा थी
बता दें कि कुछ दिन पहले खबरें आई थीं कि आशीष नेपाल भाग गया है। हालांकि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने कहा था कि मेरा बेटा कहीं नहीं गया है। वह सबूतों के साथ पुलिस के सामने पेश होगा। वहीं ने पेशी को लेकर पुलिस लाइन में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।  पुलिस लाइन को छावनी में तब्दील कर दिया है।

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इस पूरे मामले में आशीष का यह कहना
वहीं इस पूरे मामले पर आशीष मिश्रा का कहना है कि घटना वाले दिन मैं सुबह 9 बजे से शाम तक बनबीरपुर में था, मैं 2 दिनों से यहां पर हू नहीं। हो सकता है कि कोई मुझे पसंद नहीं करते और राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हों। इसके लिए वह मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई हो। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं।

कौन हैं आशीष मिश्रा 
 आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के छोटे बेटे हैं। हालांकि उनको इलाके के लोग मोनू कहकर भी पुकारते हैं। वह पैतृक संपत्ति में पेट्रोल पंप और राइस मिल जैसे कई बिजनस को देखते हैं। साथ ही पिता के साथ राजनीति में भी एक्टिव रहते हैं। आशीष मिश्रा साल 2012 में पिता को लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से विधायकी का टिकट मिलने के साथ ही वह राजनीति में ऐक्टिव हो गए थे। अजय मिश्र ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत जिला पंचायत सदस्य के रूप में की थी। तभी से लेकर केंद्रीय मंत्री तक पिता का पूरा चुनावी प्रचार-प्रसार आशीष मिश्रा ने संभालते हैं।

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 2022 में पिता की सीट से चाहते हैं विधायक का टिकट
बता दें कि पिता के साथ-साथ बेटे की भी लोकप्रियता बढ़ती गई और उन्होंने भी चुनाव लड़के का मन बनाया। इसके लिए पिता अजय मिश्रा ने  2017 विधानसभा चुनाव में आशीष के लिए विधायक का टिकट मांगा, लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके बाद भी वह पिता की विधानसभा सीट  निघासन में लगातार सक्रिय रहे। उनको लगता था कि साल 2022 के चुनाव में उनको टिकट मिल जाएगा।

यह है पूरा मामला
रविवार यानी 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान कुछ गाड़ियां उधर से जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाली जगह झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

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