योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शुरू होगा 'लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम', जानिए क्या होगा खास

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मॉनिटरिंग सिस्टम का नेटवर्क बन जाने से जहां भी दुर्घटना होगी उस क्षेत्र के अस्पताल को ट्रेस करके मरीज को तत्काल उपचार दिया जा सकेगा। इससे घायल की निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दोबारा सत्ता में वापसी आने के बाद से काफी सक्रिय है। योगी सरकार के कार्यकाल को लेकर एक महीन भी पूरे हो चुके है। जिसके साथ ही राज्य में कई कार्ययोजना को मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू करने की तैयारी है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश इस प्रणाली को लागू करने वाला पहला राज्य होगा। 

इस लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम के आ जाने से मरीजों को आने वाली परेशानियों से भटकना नहीं पड़ेगा। जहां दुर्घटना होगी उसी क्षेत्र के अस्पताल में तत्काल इलाज भी मिल सकेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ का यह स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण फैसला होगा क्योंकि स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के लिए इस सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद से चिकित्सा विभाग की भी कवायद तेज हो गई है। 

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अस्पताल को ट्रेस कर दिया जाएगा बेहतर उपचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। इस सिस्टम का नेटवर्क बन जाने से जहां भी दुर्घटना होगी उस क्षेत्र के अस्पताल को ट्रेस करके मरीज को तत्काल बेहतर उपचार दिया जा सकेगा। साथ ही घायल की निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। उसके बाद जरूरत पड़ने पर उसे उच्च संस्थान से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी। 

इसके अलावा मोबाइल एप आधारित डिजिट प्लेटफॉर्म एवं कमांड कॉल सेंटर से मरीज को मिल रहे उपचार, एंबुलेंस सेवा और अस्पताल की 24 घंटे की निगरानी की जाएगी। इस लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम से ट्रॉमा केयर नेटवर्क से लेवल वन, टू, थ्री स्तर के अस्पताल, आकस्मिक चिकित्सा केंद्र और सीएचसी को जोड़ा जाएगा। इस नेटवर्क से प्रतिदिन 40 हजार कॉल रिसीव करने की तैयारी है।

कुछ इस तरह से बनाया जाएगा पूरा नेटवर्क
डीजीएमई डॉ एनसी प्रजापति ने बताया कि इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क से प्रदेश की इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। जिसके बाद जल्द ही कॉल सेंटर एवं मोबाइल एप तैयार किया जाएगा। जिससे आकस्मिक चिकित्सा केंद्र 6 लेवन वन के अस्पताल, 12 लेवल टू के अस्पताल और 1000 सीएचसी को इससे जोड़ा जाएगा। 

इसके पश्चात पांच सालों में सभी एंबुलेंस क्रियाशील कर 14 लेवल वन के अस्पताल, 35 लेवल टू के अस्पताल और 3000 पीएचसी तक इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा। जरूरत के मुताबिक संबंधित क्षेत्र के निजी अस्पताल भी इससे जोड़े जाएंगे। इससे लोगों को इमरजेंसी में बेहतर इलाज मुहैया किया जा सकेगा। अस्पताल को ट्रेस करके मरीज को तत्काल उपचार दिया जा सकेगा। इससे घायल की निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

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