फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी कर रहे 10 जेलकर्मी हुए बर्खास्त, भर्ती करने वाले अधिकारियों पर गिरेगी गाज

फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे 15 साल से नौकरी कर रहे दस जेलकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं नौकरी के पहले ही दिन से सेवा शून्य मानते हुए सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन व भत्तों की वसूली की जाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी सरकार के बाद से ही हर विभाग में दलाली करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ सख्ती हो रही है। गलत तरीके से नौकरी पाए लोगों को भी बर्खास्त किया गया। इसी कड़ी में शासन ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल लोग फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे कई सालों से नौकरी कर रहे है। जिसका खुलासा किसी न किसी तरीके से हो ही जाता है। इसी प्रकार 15 साल पहले कारगार विभाग में नौकरी पाने वाले 10 जेलकर्मी व बंदीरक्षकों को तत्काल रूप से बर्खास्त कर दिया गया है।

विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद किया गया बर्खास्त
15 साल पहले कारागार विभाग में नौकरी पाने वाले 10 बंदीरक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। नौकरी के पहले ही दिन से उनकी सेवाएं शून्य मानते हुए सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन व भत्तों की वसूली की जाएगी। जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद शासन के निर्देश पर लखनऊ मंडल की विभिन्न जेलों में तैनात इन सभी जेलकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। उनसे रिकवरी का आदेश जारी कर दिया गया है।

Latest Videos

साल 2007 में फर्जी प्रमाणपत्र हासिल की नौकरी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि इन सभी जेलकर्मियों ने साल 2007 में खेलकूद व होमगार्ड समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। इनकी भर्ती केंद्रीय कारागार आगरा के तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ की अगुवाई में गठित कमेटी ने भर्ती की थी। इस भर्ती पर सवाल उठने लगे तो शासन ने विजिलेंस से इसकी जांच कराई गई थी। साल 2007 में भर्ती घोटाले में दोषी जेलकर्मियों समेत अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी। विजिलेंस टीम ने शासन को जांच रिपोर्ट भेजकर इन सभी लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

जांच में इन दस जेलकर्मियों की हुई बर्खास्तगी
फर्जी प्रमाणपत्र पर लगाने वालों में दस जेलकर्मी शामिल है। उनमें से संयोग लता, प्रवीण कुमार, परिक्रमा दीन, दिनेश कुमार, अनिल यादव, राजकिशोर, आनंद प्रकाश, दान सिंह, संजय कुमार व शिव बहादुर। इन सभी को बर्खास्त कर दिया गया है। इसलिए कहा जाता है कि फर्जी तरीके के काम का एक दिन अंत होना ही है। इन सभी को अब नौकरी के दौरान जितना वेतन व भत्ता लिया गया है, वह सब वसूला जाएगा। इसके साथ ही इस भर्ती में जो-जो अधिकारी शामिल थे उन पर भी जल्दी ही कार्रवाई होगी।  

बलरामपुर: अपहरण के बाद युवती से दुष्कर्म कर की हत्या, मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम, इस दिन तक लागू हुई धारा 144

प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद के घर बुलडोजर कार्रवाई पर AMU छात्रों का प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

Share this article
click me!

Latest Videos

Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts