यूपी के सीएम योगी ने कहा साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ मेले से पहले गंगा को अविरल-निर्मल करने के संकल्प को पूरा करना होगा। बुधवार को नमामि गंगे परियोजना को अमल में लाने की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि अविरल निर्मल गंगा का प्रस्ताव प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले पूरा कर लिया जाएगा। सीएम ने बुधवार को नमामि गंगे परियोजना से संबंधित सीएम योगी ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। सीएम योगी ने कहा कि तैयार STP को जल्द शुरू कराया जाए। नदी को सीवरेज की गंदगी से मुक्ति दिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 30 दिसंबर को राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक होनी है। इसके लिए जरूरी तैयारियां इससे पहले ही कर ली जाएं। बता दें कि राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक कानपुर में 2019 में हुई थी। जिसके अध्यक्ष पीएम मोदी थे।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही में लाए तेजी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि गंगा का सबसे बड़ा प्रवाह क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने यह भी कहा कि आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी है। गंगा और उसकी सहायक नदियों को अविरल-निर्मल बनाने के संकल्प के साथ जारी नमामि गंगे परियोजना के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। प्रयागराज कुंभ-2025 के शुरू होने से पहले तक गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूरा करना होगा। नदियों को सीवरेज की गंदगी से बचाने और उनके पानी को जहरीला होने से रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए।
85 हजार हेक्टेयर भूमि पर हो रही प्राकृतिक खेती
सीएम योगी कहते है कि अर्थ गंगा अभियान का सबसे ज्यादा फायदा उन करोड़ों लोगों को मिलेगा, जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है। आगे कहते है कि अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में तीन प्रतिशत का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करने होंगे। वहीं विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएं। राज्य के 27 जिले गंगा से जुड़े हुए हैं। साथ ही बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस समय लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है। अब तक 66,180 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के तहत लाया गया है। एक लाख से अधिक किसान जैविक खेती से फायदा पा रहे हैं। सभी किसानों को भारत सरकार के जैविक खेती पोर्टल से जोड़ा जाए।
गंगा किनारे लोगों के लिए बन सकते है आय के साधन
भूतपूर्व सैनिकों, महिला स्वयं सहायता समूहों आदि के सहयोग से गंगा नर्सरी विकसित करने के प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि नर्सरी से लेकर फलों के प्रसंस्करण बाकी पूरी वैल्यू चेन बनानी चाहिए। इसकी वजह से गंगा उत्पाद गंगा किनारे के लोगों के लिए आय के स्थायी साधन बन सकते हैं। सीएम योगी कहते है कि पीएम मोदी ने नदी शहरों के लिए नई सोच की आवश्यकता बताई है। नमामी गंगे के अनुभवों से सीख लेते हुए नदी किनारे बसे शहरों की योजना बनाने में नई नदी केंद्रित सोच की जरूरत है। इस वजह से यह शहर के मास्टर प्लान का हिस्सा होना चाहिए। आईआईटी कानपुर के तकनीकी सहयोग से इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
कैम्पिंग समते रिवर क्रूज टूरिज्म के मॉडल को किया जाए विकसित
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए है कि सभी कृषि मंडियों में जैविक उत्पाद के आउटलेट भी स्थापित किए जाएं। योगी ने गंगा के किनारे स्थित तीर्थ क्षेत्रों और ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों में पर्यटन की नई संभावनाएं तलाशने को लेकर आदेश दिए है। उनका कहना है कि वॉटर स्पोर्ट टूरिज्म के साथ ही एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावना है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से इस दिशा में वाराणसी में प्रेरक प्रयास हुआ है। इस वजह से वॉटर स्पोर्ट, रिवर क्रूज टूरिज्म, कैम्पिंग सुविधाओं के साथ वन्य जीव पर्यटन के मॉडल को विकसित करना चाहिए।
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