नगरीय निकाय चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में महंगी होगी बिजली की दरें, कई सालों बाद इस वजह से की जाएगी बढ़ोत्तरी

यूपी में नगरीय निकाय चुनाव के बाद बिजली की दरें महंगी हो जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि अभी तक बढ़ोत्तरी सिर्फ निकाय चुनाव की वजह से नहीं की गई है। बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी साल 2019 में की गई थी। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव दिसंबर व जनवरी में होने के बाद बिजली महंगी करने की कवायद तेजी से शुरू हो गई है। करीब तीन साल बाद बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की जाएगी। साल 2023-24 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता संबंधी पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने टैरिफ पिटीशन दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से दो महीने की मोहलत मांगी है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार नहीं चाहती है कि निकाय चुनाव से पहले बिजली की दरों संबंधी किसी भी प्रस्ताव पर कोई चर्ची भी की जाए।

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने आयोग को लिखा है पत्र
राज्य सरकार बिल्कुल नहीं चाहती है कि निकाय चुनाव से पहले बिजली की दरें बढ़ा दी जाए। फिलहाल नियमानुसार अगले वित्तीय वर्ष की बिजली की दरों के संबंध में टैरिफ पिटीशन 30 नवंबर तक ही आयोग में दाखिल हो जाना चाहिए लेकिन अबकी बिजली कंपनियों ने अब तक ऐसा नहीं किया है। दूसरी ओर समय से पिटीशन न दाखिल कर पाने पर पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने आयोग को तमाम कारण बताते हुए कहा है कि बिजली कंपनियां अभी अगले वित्तीय वर्ष के एआरआर का आकलन नहीं कर पा रही है।

Latest Videos

पिटीशन को लेकर कंपनियों को दिया जाए 2 महीना
कंपनियां जब आकलन नहीं कर पा रही है तो ऐसे में टैरिफ पिटीशन दाखिल करने के लिए बिजली कंपनियों को लगभग दो माह का अतिरिक्त समय दे दिया जाए। सूत्रों के अनुसार पिटीशन न दाखिल करने के पीछे भले ही तमाम कारण गिनाए जा रहे हैं लेकिन एक बड़ा कारण नगरीय निकाय चुनाव भी है। फिलहाल यूपी सरकार और आयोग की तैयारियों को देखते हुए निकाय चुनाव की अधिसूचना अगले सप्ताह तक जारी हो जाने की उम्मीद है। चुनाव की प्रक्रिया दिसंबर के साथ ही अगले महीने जनवरी तक चलेगी।

कंपनियां जल्द से जल्द चाहती है दरों में बढ़ोत्तरी
सूत्रों के मुताबिक नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिजली कंपनियां, आयोग में टैरिफ पिटीशन दाखिल करेंगी। जिसके बाद अगले वित्तीय साल में बिजली की दरों का बढ़ना तय है। ज्ञात हो कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद सितंबर में बिजली महंगी हुई थी। इस दौरान दरों में औसतन 11.69 फीसदी का इजाफा किया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि पहले कोरोना और फिर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगभग तीन साल से बिजली की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। दूसरी ओर वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनियां चाहती हैं कि जल्द से जल्द बिजली की दरें बढ़ाने को आयोग हरी झंडी दे दे।

'मम्मी, पापा की परवरिश पर गर्व है लेकिन घर व बेटियां आपको मुबारक' सुसाइड नोट में युवक ने लिखी दर्द भरी दास्तां

लखनऊ में टहलने के लिए घर से निकली महिला पर 7 कुत्तों ने किया हमला, पैर समत कई जगहों को बुरी तरह नोंचा

बरात में डीजे पर डांस करते दूल्हे के फूफा को आया हार्ट अटैक, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताई बड़ी बात

20 रुपए के लिए 21 साल तक चला मुकदमा, यात्री के हक में आया फैसला तो रेलवे ने किया ऐसा काम

संविदा पर नियुक्ति घोटाला मामला: 20 साल बाद आरोपियों पर दर्ज होगी एफआईआर

Share this article
click me!

Latest Videos

उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts