'चमड़ी मोटी हो गई' कहकर किया उत्पीड़न, परेशान नर्स ने खाई नींद की गोलियां, अस्पताल प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप

यूपी के लखनऊ के लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में महिला नर्स ने उत्पीड़न से परेशान होकर नींद की गोलियां खा लीं। तबियत बिगड़ने पर उसे फौरन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। फिलहाल अब नर्स खतरे से बाहर बताई जा रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बता दें कि कानपुर रोड स्थिति लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में एक महिला नर्स का उत्पीड़न किया जा रहा था। उत्पीड़न से परेशान होकर नर्स शनिवार को नींद की गोलियां खा लीं। जिसके बाद उसे आनन-फानन में इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। वहीं नर्स के घरवालों ने मैट्रन और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित नर्स के पति ने  कृष्णानगर थाने में 2 डॉक्टर समेत तीन लोगों के खिलाफ मामले की तहरीर दी है। 

प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोकबंधु अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर इंचार्ज नर्स मंजू देवी ने उत्पीड़न से परेशान होकर नींद की गोलियां खा ली। नर्स ने पुलिस को बताया कि उस पर काम का अधिक दबाव है। साथ ही उसने अफसरों पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने बताया कि राउंड के दौरान डॉक्टर उसका वीडियो बनाते हैं। फिर वह वीडियो ग्रुप पर डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। नर्स के पति कैलाश चंद्र ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि अस्पताल के अधीक्षक उसकी पत्नी मंजू देवी को 'चमड़ी मोटी हो गई हैं' कहते हैं। पीड़िता के पति ने न्याय की गुहार लगाते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसके सक्सेना, चिकित्सा अधीक्षक अजयशंकर त्रिपाठी और मैट्रन अरुणा त्रिपाठी के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की मांग की है।

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नर्स के पति ने दी मामले की तहरीर
नर्स के पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि पत्नी मंजू को लोकबन्धू अस्पताल लखनऊ में स्टाफ नर्स के तौर पर 15 वर्ष से सेवा दे रही है। अरुणा त्रिपाठी जो मैटर्न के पद पर हैं वह आए दिन उसकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करती हैं। आरोप है कि छुट्टी मांगने पर अरुणा त्रिपाठी 2000/- रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रिश्वत मांगती है। रिश्वत मांगे जाने का विरोध करने वह ट्रांसफर करवा देने की धमकी देती हैं। कैलाश चंद्र ने कहा कि उसकी पत्नी पर अनैतिक दबाव डालकर उसे आत्महत्या करने पर मजबूर किया गया है। इसके अलावा मैटर्न और अधीक्षक द्वारा मेरी पत्नी को बुलाकर अस्पताल के स्टाफ के सामने उसकी बेज्जती की गई और अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया है।

मामले की कराई जाएगी निष्पक्ष जांच
वहीं लोकबंधु अस्पताल की निदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने बताया कि अब पीड़ित नर्स मंजू देवी खतरे से बाहर हैं। डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी के साथ या स्टाफ के उत्पीड़न का सवाल ही पैदा नहीं होता। सभी को अपने हिस्से का काम करना होगा। काम के प्रति लापरवाही बरतने वालों को भी नहीं बख्शा जाएहा। फिलहाल मामले की जांच कराए जाने कही जा रही है। 

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