यूपी में तेज हुई नए मोर्चे की सुगबुगाहट, सपा और भाजपा दोनों को ही झटका देने की तैयारी में शिवपाल यादव

यूपी में नए मोर्चे की सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। शिवपाल यादव और पूर्व सांसद डीपी यादव इसका नेतृत्व करेंगे। माना जा रहा है कि इसके जरिए सपा और भाजपा से अलग-थलग पड़े नेताओं को साथ लाया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 1, 2022 5:00 AM IST

लखनऊ: प्रदेश की सियासत में नए मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इसका नेतृत्व प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव और पूर्व सांसद डीपी यादव करेंगे। यह दोनों ही नेता पहले यादव बिरादरी को लामबंद करेंगे। आपको बता दें कि इन नेताओं की निगाह समाजवादी पार्टी और भाजपा से अलग-थलग पड़े हुए नेताओं पर है। इन नेताओं को एक पास लाकर सामाजिक एकजुटता के नाम पर सियासी ताकत बढ़ाने का काम होगा। इसके बाद अगले चरण में छोटे दलों को भी इसमें जोड़ा जाएगा। 

250  नेताओं को भेजा गया है बुलावा
गुरुवार से शुरू हो रहा यह मिशन समाजावदी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दे सकता है। इसमें प्रदेश के तकरीबन 250 यादव नेताओं को बुलावा भी भेजा गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में यादव वोट बैंक के 12 फीसदी होने का दावा किया जाता है। मुलायम सिंह यादव ने सपा के बैनर तले इस गोलबंद किया था। हालांकि बदले वक्त के बाद नई पीढ़ी आने पर सियासत ने करवट ली। समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने प्रसपा लोहिया बनाई तो पूर्व सांसद डीपी यादव ने राष्ट्रीय परिवर्तन दल बनाया। विधानसभा चुनाव में भले ही शिवपाल यादव विधायक बन गए हैं लेकिन उनकी राह जुदा है। मुलायम बीमार हैं और उनकी पीढ़ी के कई नेता अलग-थलग हैं। शिवपाल यादव की निगाह अब ऐसे ही नेताओं पर टिकी हुई है। ऐसे नेताओं को एकसाथ लाने को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। यदुकुल पुनर्जागरण मिशन के तहत इन नेताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास हो रहा है। 

Latest Videos

कई दिग्गज होंगे एकजुट, 2024 पर होगी नजर 
आपको बता दें कि गुरुवार को होने वाली बैठक में डीपी यादव, सुखराम यादव, बालेश्वर यादव, मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव समेत कई पूर्व सांसद औऱ विधायक इकट्ठा होंगे। कार्यक्रम संयोजक शिवपाल सिंह यादव की ओर से जानकारी दी गई कि इस मिशन का उद्देश्य यादव बिरादरी के उत्पीड़न को रोकना है। भले ही इसे समाजिक संगठन का नाम दिया जा रहा है लेकिन सियासी जानकार इस आयोजन को सियासी निहितार्थ बता रहे हैं। माना जा रहा है कि यह गोलबंदी 2024 के चुनावों को लेकर ही हो रही है। इस गोलबंदी के बाद सपा और भाजपा वोटों में सेंधमारी भी तय मानी जा रही है। 

अवनीश अवस्थी हुए रिटायर, जानिए कौन है संजय प्रसाद जिन्हें मिला गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार

Share this article
click me!

Latest Videos

20 सबसे यंग चेहरे, जो हरियाणा चुनाव 2024 में बड़े-बड़ों को देंगे मात!
इजरायल ने हमास सरकार के चीफ सहित 3 टॉप लीडर्स को किया ढेर
जवानों का सबसे खतरनाक एक्शन, एक झटके में 28 नक्सली ढेर, जानें मुख्यमंत्री ने क्या कहा
हरियाणा चुनाव के10 अमीर प्रत्याशीः बिजनेसमैन सावित्री जिंदल से धनवान है यह कैंडीडेट
आखिर क्या है ISRAEL की ताकत का सबसे बड़ा राज