नेताजी की कर्मभूमि पर कल SP प्रत्याशी डिंपल यादव करेंगी नामांकन, पति अखिलेश के साथ रवाना होंगी मैनपुरी

नेताजी की कर्मभूमि मैनपुरी में कल सपा प्रत्याशी व उनकी बहू डिंपल यादव नामांकन करेंगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ वह मैनपुरी पहुंचेंगी और दोपहर करीब एक से दो के बीच वह कलेक्ट्रेट में जाकर नामांकन करेंगी। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। नेताजी की बड़ी बहू डिंपल यादव सोमवार को वह पति अखिलेश यादव के साथ कलेक्ट्रेट पर नामांकन करने पहुंचेंगी। इस दौरान कलेक्ट्रेट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मैनपुरी लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे, लेकिन 10 अक्टूबर को उनके निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हो गई है।

चुनाव आयोग ने पांच नवंबर को उपचुनाव की थी घोषणा
नेताजी के निधन के बाद पांच नवंबर को चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी थी। आयोग के द्वारा उपचुनाव के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार 10 नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सपा जिला अध्यक्ष आलोक शाक्य ने डिंपल यादव के लिए 11 नवंबर को कलेक्ट्रेट पहुंचकर चार सेटों में नामांकन पत्र खरीदा था। उसके बाद 12 नवंबर सोमवार को डिंपल यादव अखिलेश यादव के साथ मैनपुरी कलक्ट्रेट स्थित नामांकन कक्ष में नामांकन दाखिल करने पहुंचेंगी।

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नामांकन को देखते हुए कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के खास इंतजाम
डिंपल यादव के नामांकन के दौरान सपा जिला अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि सोमवार को वह दोपहर एक से दो बजे के बीच नामांकन दाखिल करेंगी। नामांकन को ध्यान में रखते हुए कलेक्ट्रेट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराने के आदेश प्रशासन ने दिए हैं। बता दें कि डिंपल यादव मैनपुरी से पहले फिरोजाबाद और कन्नौज से भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। गौरतलब है कि अब तक भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में सभी की निगाहें भाजपा की ओर टिकी हैं कि वह मैनपुरी से किसको उम्मीदवार बनाती है।

साल 1996 में मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से लड़ा था चुनाव
बता दें कि मैनपुरी सीट पर नेताजी मुलायम सिंह यादव का हमेशा दबदबा रहा है। 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी का गठन किया। जिसके बाद उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट पर साल 1996 में चुनाव लड़ा और जीता। नेताजी ने सैफई को जन्मस्थली तो वहीं मैनपुरी को हमेशा कर्मस्थली माना। कई मंचों पर उन्होंने इसका ऐलान भी किया है, इस वजह से जनता हमेशा अपने नेता के साथ रही। वहीं नेताजी के निधन के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश याादव ने पत्नी डिंपल यादव का नाम तय किया है। 

आखिर क्यों अखिलेश यादव ने पिता की कर्मभूमि से पत्नी डिंपल को बनाया उम्मीदवार, जानिए पांच मुख्य कारण

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