यूपी में बारिश कम होने की वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की शाम को अहम बैठक बुलाई थी। इस समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को राज्य के कई जिलों में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए है। साथ ही कहा है कि इस स्थिति में सुनिश्चित करें कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बारिश कम होने के बाद राज्य सरकार को सूखे की चिंता सताने लगी है। प्रदेश में सूखे की आहट होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की शाम को अहम बैठक बुलाई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मानसून की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा है फसलों और किसानों की स्थिति को देखते हुए हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने संबंधित सभी विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूपी में आमतौर पर 15 जून से 15 सितंबर तक बारिश का मौसम रहता है। लेकिन इस बार मानसून में देरी है।
राज्य के इन जिलों में पेयजल का अभाव न हो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के चंदौली, बांदा, हमीरपुर, देवरिया, जालौन, बलिया, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर और श्रावस्ती जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दें। आने वाला अगला एक सप्ताह हमारे लिए चनौतीपूर्ण भरा हो सकता है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो। सीएम ने आगे कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के आंकलन के अनुसार 18 जुलाई से अच्छी वर्षा की संभावना है। लेकिन हमें वैकल्पिक प्रबंध के संबंध में तैयार रहना होगा।
प्रदेश के मात्र आगरा जिले में हुई सामान्य वर्षा
हालांकि सरकार द्वारा नहरों, नलकूपों के विस्तार से सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया गया है। ताजा स्थिति के अनुसार सभी प्रमुख नदियों, नहरों और जलाशयों में पर्याप्त जलराशि है। बारिश इस कदर कम है कि एकमात्र आगरा जिला ऐसा रहा जहां सामान्य वर्षा हुई। दक्षिणी पश्चिमी मानसून के प्रभाव से इस वर्ष 13 जुलाई तक मात्र 76.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यह सामान्य 199.7 मिलीमीटर से लगभग 62 प्रतिशत कम है। राज्य में इस साल तकरीबन 70 मिमि बारिश कम हुई है। इस बार का आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में हुई बारिश की तुलना में लगभग 62 फीसदी तक कम है।
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