चिकित्सा उपकरण बनाने वाले उद्योगों को मिलेगी सब्सिडी, 72 घंटे के अंदर पास होगी एनओसी, जानें क्या है पूरी योजना

प्लांट, मशीनरी और उपकरण पर हुए खर्च का 25 फीसद या अधिकतम दस करोड़ में जो भी कम हो, उतनी वित्तीय सहायता पूंजी उपादान के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह वित्तीय सहायता इकाई का संचालन शुरू होने के बाद दावा करने पर दी जाएगी।

Asianet News Hindi | Published : May 16, 2021 4:23 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी में कोरोना वायरस से जंग लड़ रही योगी सरकार एक के बाद एक निर्णय ले रही है। साथ ही संसाधनों को भी बढ़ाने में लगी है। इसके लिए शनिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन उत्तर प्रदेश इमरजेंसी वित्त पोषण योजना को स्वीकृति दे दी गई। जिसके तहत सरकार से चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों को नए निवेश और विस्तार करने पर पूंजी अनुदान दिया जाएगा। 

ये होंगे नई स्थापित करने के पात्र
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश इमरजेंसी वित्त पोषण योजना का लाभ उन इकाइयों को मिलेगा, जो कोविड संबंधी अधिसूचित सामग्री का उत्पादन करेंगी। वर्तमान क्षमता में वृद्धि करने या नई इकाई स्थापित करने वाले इसके पात्र होंगे। योजना अधिसूचित होने के एक वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

72 घंटे में दिलाई जाएगी एनओसी की स्वीकृति
पात्रता के लिए प्लांट, मशीनरी, उपकरण में पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा 20 लाख रुपए होगी। पात्र इकाइयों को वित्तीय सहायता देने के लिए रिवाल्विंग फंड बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, प्लांट के स्थापना और विस्तार से संबंधित सभी एनओसी-स्वीकृतियां 72 घंटे में दिलाई जाएंगी। साथ ही केंद्र संबंधी स्वीकृतियां दिलाने में भी मदद की जाएगी।

दस करोड़ रुपए तक होगी प्रतिपूर्ति 
प्लांट, मशीनरी और उपकरण पर हुए खर्च का 25 फीसद या अधिकतम दस करोड़ में जो भी कम हो, उतनी वित्तीय सहायता पूंजी उपादान के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह वित्तीय सहायता इकाई का संचालन शुरू होने के बाद दावा करने पर दी जाएगी।

इस तरह करना होगा आवेदन
शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक या सिडबी में आवेदन करना होगा। बैंक आवेदन का परीक्षण कर उसे उपायुक्त उद्योग कार्यालय में प्रेषित करेंगे। वहां से आवेदन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष भेजे जाएंगे। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन की अध्यक्षता में गठित शासन स्तर की कार्यकारी समिति के पास वह आवेदन निदेशालय के माध्यम से आएंगे और अंतिम निर्णय यही शासन स्तर की समिति करेगी।

Share this article
click me!