हस्तिनापुर के पांडव टीले में 2 माह से जारी खुदाई हुई बंद, मिले कई अवशेषों को किया जाएगा संरक्षित

मेरठ के हस्तिनापुर में पांडल टीले में शुरू हुआ उत्खन्न कार्य दो माह के बाद बंद हो गया है. इस दौरान कई अवशेष प्राप्त हुए हैं। इन सभी अवशेषों को संरक्षित किया जाएगा। कई अहम चीजें खुदाई के दौरान सामने आई हैं।

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित हस्तिनापुर के पांडव टीले पर 1952 के बाद एक बार फिर से शुरू हुआ उत्खनन कार्य फिलहाल बंद हो गया है। अधीक्षण पुरात्तविद डॉ. डीबी गणनायक के अनुसार फिलहाल दो माह के बाद खुदाई कार्य को बंद किया जा रहा है। हालांकि बहुत ही जल्द उत्खनन के क्षेत्र को पर्यटकों के लिए डेवलेप किया जाएगा।

जल्द ही आम लोगों के लिए खोली जाएगी साइट
बताया गया कि खुदाई के दौरान जो भी कुछ प्राप्त हुआ है उसे संरक्षित किया जाएगा। इसी के साथ जिस जगह पर उत्खन्न हुआ उस साइट को जल्द ही आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। जिस जगह पर उत्खन्न हुआ है वहां सुरक्षा के मद्देनजर चारों तरफ से ग्रिल लगाई जाएगी। ग्रिल लगाने का कार्य पूर्ण होने के साथ ही इस स्थल को आम लोगों के लिए खोला जाएगा। 

Latest Videos

10 मीटर की गहराई तक हुआ उत्खन्न
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. डीबी गड़नायक के ही निर्देशन में पांडव टीला पर दो जगहों पर उत्खन्न का कार्य हुआ। इस दौरान कई अवशेष प्राप्त हुए। तकरीबन 10 मीटर गहराई तक हुए उत्खन्न में चित्रित मृदभांड ही नहीं मध्यकाल की संस्कृति का भी जमाव पाया गया। छह स्तरों में मिट्टी के गोलाकार आकृति से लेकर पक्के निर्माण भी प्राप्त किए गए। वहीं बताया गया कि मिट्टी के जो घर मिले वह तकरीबन साढ़े तीन हजार साल पुराने प्रतीत होते हैं। वहीं पक्के निर्माण का लगभग ढाई हजार वर्ष से मध्यवर्ती काल तक के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। 

मंदिर होने से नहीं किया जा सकता इंकार 
उत्खन्न में ब्लॉक से अलंकृत स्तंभ, पिलर से लगने वाला सजावटी हिस्सा, एक कुंड में भारी मात्रा में हड्डियों की प्राप्ति हुई है। कहा जा रहा है कि यह स्थान पौराणिक संस्कृतियों का केंद्र रहा होगा। हालांकि यहां मंदिर होने से भी इंकार नहीं किया जा रहा है। आसपास की गतिविधियों को देखकर बताया जा सकता है कि यहां धार्मिक अनुष्ठान आदि होते रहे होंगे। 

प्राचीन मंदिर होने की भी संभावनाएं
खुदाई में जो स्तंभ निकला है वह 10वीं से 11वीं शताब्दी के बीच का माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां प्राचीन समय में मंदिर होने की भी संभावना है। इसी संभावना को देखते हुए पुरातत्व विभाग की टीम अन्य तथ्यों को खोजने के भी भरसक प्रयासों में लगी हुई है। 

अखिलेश को लग सकता है बड़ा झटका, शिवपाल के बाद आजम खान कह सकते हैं अलविदा

गोरखनाथ मंदिर हमले के आरोपी मुर्तजा से एनआईए की टीम ने की पूछताछ, बढ़ सकती है देशद्रोह की धारा

Share this article
click me!

Latest Videos

'स्टार कैंपेनर का स्वागत है' झारखंड चुनाव में जीत के बाद हेमंत सोरेन का जोश हाई, शेयर की फोटोज
Sishamau By Election Result: जीत गईं Naseem Solanki, BJP के Suresh Awashthi ने बताई हार की वजह
महाराष्ट्र चुनाव 2024: महाविकास आघाडी की बुरी हार की 10 सबसे बड़ी वजह
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
Maharashtra Jharkhand Election Result: रुझानों के साथ ही छनने लगी जलेबी, दिखी जश्न पूरी तैयारी