
मेरठ: यूपी बोर्ड इस सत्र में माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा पर लगातार जोर दे रहा है। राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य करते हुए स्कूलों में व्याप्त संसाधनों का विवरण भी मांगा गया है। इस विवरण के आधार पर ही विद्यालयों में अतिरिक्त संसाधन मुहैया करवाए जाएंगे। इस दौरान कंप्यूटर शिक्षा के साथ ही इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करेंगे। इतिहास, भूगोल जैसे विषयों से जुड़ी जानकारी के साथ ही कक्षा में इंटरनेट पर विज्ञान और गणित विषयों से संबंधित सिद्धांत भी सामने रखकर शिक्षक पढ़ा सकेंगे।
वाई-फाई की भी होगी व्यवस्था
आपको बता दें कि माध्यमिक स्कूलों को 100 दिनों में वाई-फाई की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसी के साथ विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी भी बनवाई जा रही है। छात्रों को ई-मेल का इस्तेमाल करवाने के साथ ही पंजीकरण में मोबाइल नंबर और ई-मेल को जोड़ना आदि की व्यवस्था भी इस बार हो रही है। स्मार्ट क्लास के जरिए छात्रों को कक्षा में पठन-पाठन के साथ दुनिया में पठन-पाठन की स्थिति भी इंटरनेट के जरिए बताई जाएगी। जबकि आनलाइन शिक्षा से जुड़े सरकारी व गैर सरकारी प्लेटफार्म पर भी छात्रों को इससे अवगत कराया जाएगा।
अभिभावकों को भी लिया जाएगा साथ
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर हर कार्ड को डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। इसी कड़ी में कक्षा नौवीं-ग्यारहवीं में ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण से 10वीं-12वीं के बोर्ड फार्म तक हर व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है। बीते दिनों कोरोनाकाल में शिक्षण सामग्री को लेकर बनाए गए व्हाट्सऐप ग्रुप की व्यवस्था को भी आगे सक्रिय रखने की योजना पर काम जारी है। पब्लिक स्कूलों की ही तर्ज पर उनमें अभिभावकों को शिक्षकों से जोड़ने और हर जानकारी मुहैया करवाने पर भी काम किया जा रहा है। लिहाजा इस सत्र में दो बार शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक को भी कराने के लिए कहा गया है।
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