सार
कर्बला की जमीन की पैमाइश कराने का काम भी अधर में है। ऐसे में कर्बला की कितनी जमीन बची है, वक्फ बोर्ड के पास इसका रिकॉर्ड तक नहीं है। कर्बला अब्बास बाग का वक्फनामा अवध के बादशाह मोहम्मद अली शाह के मंत्री रफीकुद्दौला सैयद इमाम अली खां ने 22 जनवरी 1845 को तैयार किया था।
लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड में दर्ज कर्बला अब्बास बाग की बेशकीमती चार लाख सत्तर हजार वर्गफीट जमीन वक्फ माफिया ने खुर्द-बुर्द कर दी। इस जमीन पर मार्केट, शोरूम, स्कूल और अस्पताल खड़े हो गए। बची जमीन पर अब भी प्लॉटिंग चल रही है।
इसमें कर्बला की 2,07,148 जिरह (वर्ग फीट में दो गुना) और 28,147 जिरह जमीन दो हिस्सों में दर्ज है। इस हिसाब से यह जमीन करीब 4,70,590 वर्गफीट बनती है। कर्बला अब्बास बाग और उसके वक्फनामे के मुताबिक कुल जमीन शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के दफा 37 रजिस्टर में वक्फ नंबर 2596 पर दर्ज है।
ऐसा नहीं है कि संपत्ति पर एक दिन में कब्जा हुआ। पर, बोर्ड इन कब्जों को लेकर लापरवाह बना रहा। इसी लापरवाही के चलते कर्बला की जमीन के बड़े हिस्से पर अस्पताल, स्कूल, मैरिज हॉल, मार्केट और कई शोरूम तक खुल चुके हैं। कर्बला के पीछे की जमीन पर अवैध प्लॉटिंग भी चल रही है।
कर्बला की जमीन पर प्लॉटिंग का काम जारी
कर्बला की जमीन की बिक्री की शिकायत मिलने के बाद कर्बला के प्रशासक मौलाना सैयद कल्बे जवाद दो बार निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन प्लॉटिंग का काम अब भी जारी है। नए कब्जों की बात करें तो कई जगहों पर मकान बन चुके हैं, तो कुछ नींव खोदाई का काम तेजी से चल रहा है।
वक्फ बोर्ड को बची हुई जमीन की जानकारी नहीं
चौंकाने वाली बात है कि कर्बला की कितनी जमीन पर अवैध प्लॉटिंग हुई और कितनी बची है, इसकी जानकारी तक वक्फ बोर्ड को नहीं है। ऐसे में वक्फ बोर्ड ने कर्बला की जमीन की पैमाइश कराने की बात कही थी।
इसके लिए जिलाधिकारी को कई बार पत्र भी भेजा गया, लेकिन जमीन की पैमाइश नहीं हो सकी। वक्फ बोर्ड और जिला प्रशासन की लापरवाही और सुस्ती का फायदा वक्फ माफिया उठा रहे हैं।
कर्बला की सारी जमीन पर कब्जा
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने बताया कि कर्बला की सारी जमीन पर कब्जा हो गया है। कई लोगों ने कागजात में हेराफेरी कर रजिस्ट्री भी करा ली। शिया वक्फ बोर्ड के पास सीधे तौर पर पैमाइश करने का अधिकार नहीं है।
हमने कर्बला अब्बास बाग की जमीन की पैमाइश के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। कर्बला की करीब 22 बीघा जमीन पर प्लॉटिंग की शिकायत मिली है। वक्फ बोर्ड के पास सीईओ भी नहीं हैं। इसकी वजह से अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है। जल्द ही जिला प्रशासन के सहयोग से अवैध कब्जे खाली कराए जाएंगे।